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पानी रे पानी..मचा हाहाकार, लाचार सरकार

पिछले दिनों देश की ओर्थक राजधानी मुंबई में पानी चोरी के आरोप में एक महिला को कालिख पोता गया. विगत माह मध्यप्रदेश के उज्जन में एक विचित्र घटना घटी. पानी के लिए गोलीबारी हुई, फिर पानी की पहरेदारी के लिए पुलिस को तैनात कर दिया गया. यह उस देश का हाल है, जहां गंगा समेत कई सदानीरा नदियां सदियों से बहती रही हैं. इधर गरमी ने दस्तक दे दी है. मार्च में ही मई-जून...

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2012 तक सबको स्वच्छ पेयजल : मंत्री

पटना लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार नीति बना रही है। 2012 तक सूबे के सभी लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की तैयारी की गयी है। राज्य सरकार स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता नीति के स्वरूप को अन्तिम रूप दे दी है। शीघ्र ही उस पर सरकार की मुहर लग जायेगी। ये बातें सोमवार को विश्व जल दिवस के अवसर पर तारामंडल सभागार...

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तिल-तिल मार रहा क्रोमियम

कानपुर [जासं]। शहर में बड़ी आबादी प्रदूषित पानी पी रही है। जूही व नौरेया खेड़ा के भूगर्भ जल में घुला क्रोमियम पनकी तक पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जाच में पनकी में डंकन इंडस्ट्रीज के बाहर हैंडपंप में एक लीटर पानी में क्त्रोमियम की मात्रा 0.061 मिली। यह नया इलाका है, जहा पानी में क्रोमियम चिह्नित किया गया है। कई लोग पहुंचे अस्पताल क्रोमियमयुक्त पानी पीने और...

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हमारी नादानी से नदारद न हो जाएं नदियां

इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहा मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहा तक कुंभ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं। आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वे उस नदी के जीवन के बारे में कभी भी नहीं सोचते।...

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डुबकी लगाने लायक भी नहीं है गंगा

नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। तारने वाली गंगा के पानी के मारक होने पर बहस हो सकती है मगर एक बात तय है कि अब गंगाजल आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है। भागीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर ही रहने में भलाई है। ...

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