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जननि सुरक्षा- आखिर किधर जा रहा है समाज

चिंता : शहरों में सबसे ज्यादा गर्भपात 20 वर्ष से कम आयुवर्ग की लड़कियों में मां बनना शायद दुनिया की सबसे अद्भुत नैसर्गिक प्रक्रिया है, साथ में सबसे सुखद एहसास भी. जन्म देने का जिम्मा प्रकृति ने एक औरत को शायद इसीलिए दिया है, िक इस काम के लिए जो साहस और कोमलता चाहिए, वह सिर्फ औरत में ही हो सकती है. तमाम कष्टों के बावजूद एक औरत को सबसे ज्यादा...

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बिहार-- दक्षिण में नीचे गया पानी

विधानमंडल. हर प्रखंड के पांच-पांच चापाकलों की मापी : मंत्री दक्षिण बिहार के 17 जिलों में मार्च, 2014 व मार्च, 2015 की तुलना में भूगर्भ जल स्तर में दो फुट की गिरावट आयी है. इसमें नालंदा, पटना, गया, नवादा, लखीसराय, रोहतास, नवादा और औरंगाबाद जिले शामिल हैं. पटना : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण(पीएचइडी) मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बताया कि सरकार के सुशासन के कार्यक्रम के तहत...

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गुड इकोनॉमिक्स बनाम बैड पॉलिटिक्स - प्रदीप सिंह

अपने देश में लड़कियों/महिलाओं के लिए समस्याएं जन्म के पहले से ही शुरू हो जाती हैं। मां के पेट में जीवित रह गईं तो पैदा होते ही परिवार में कमतरी का एहसास कराया जाता है। हर मामले में उन्हें लड़कों के पीछे खड़ा होना पड़ता है। यह एक ऐसा संघर्ष है जो ताउम्र चलता है। इन सबसे बच भी जाएं तो चूल्हे के धुएं की आग से बचना कठिन है।...

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घर में शौचालय नहीं, तो नहीं मिलेगी सरपंची

छत्तीसगढ़ की ग्राम पंचायतों में अब पांचवीं पास व्यक्ति ही पंच और आठवीं पास व्यक्ति ही सरपंच बन सकेंगे। इसके साथ ही पंच-सरपंच बनने के लिए उनके मकान में जलवाहित शौचालय होना भी जरूरी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने सोमवार को इससे संबंधित छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2016 विधानसभा में प्रस्तुत किया। संशोधन विधेयक के अनुसार पंच...

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कुम्हारबांधी: यहां 2016 में भी दिखती है 18वीं सदी जैसी गरीबी

सारठ बाजार. गरीबों के उत्थान की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. यही कारण है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी कमाने के प्रयास में ही बीत जा रहा है. प्रखंड के कुम्हराबांधी गांव के हरिजन टोले का ग्रामीणों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी तक सिमट कर रह गयी है और वह रोटी भी...

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