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शहर और गांव- एक देश की दो कहानी

देश में मौजूद विषमता की बात करते हुए अकसर कहा जाता है, यहां दो देश बसते हैं, एक भारत तो एक इंडिया। हाल के सालों में इसपर बहसें भी खूब हुई हैं और अब खुद एक सरकारी रिपोर्ट से जान पड़ता है कि अपने देश में “भारत” की सच्चाई कुछ और है, “इंडिया” की कुछ और। एक ऐसे समय में जब शहरी भारत की तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है और यही चलन नीति-निर्माताओं को पसंद भी आ...

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250 की आबादी वाले 176 गांवों की सड़कों का रास्ता साफ

शिमला. प्रदेश में लंबे समय से अटकी ग्रामीण सड़कों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय वन मंत्रालय ने इसके निर्माण को लेकर अपनी स्वीकृति दे दी है। लोक निर्माण विभाग ने 381 के करीब सड़क निर्माण को लेकर केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज रखा है। इसमें 173 ग्रामीण सड़कों को मंजूरी मिल गई है। इन सड़कों के निर्माण पर 330 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। लोक...

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12 प्रतिशत घटी मध्य प्रदेश में गरीबी

मध्य प्रदेश में गत पांच वर्षों के दौरान गरीबी दर में 12 प्रतिशत की अभूतपूर्व कमी आई है, जबकि इस दौरान गरीबी कम होने का राष्ट्रीय प्रतिशत 7.3 रहा। इससे पहले वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2004-05 की अवधि के दौरान मध्य प्रदेश देश का एकमात्र राज्य था, जहां गरीबी चार प्रतिशत बढ़ी थी। 2004-2009 तक गरीबी में वार्षिक 1.5% कमी योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी उभरकर...

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आंगनबाड़ी पर बरसा धन

जागरण ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 300, सहायिकाओं को 200 और मिनी आगनबाड़ी वर्करों को 250 रुपये अतिरिक्त मानदेय जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई। यह वृद्धि पहली जनवरी से लागू होगी। प्रदेश की 18,352 आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 3300, इतनी ही सहायिकाओं को 1700 और 330 मिनी आगनबाड़ी वर्करों को 1750 रुपये का मानदेय प्रति माह की दर से...

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रेणु के गांव में आज भी जिंदा हैं ‘मैला आँचल’ के पात्र- संजीव चंदन की रिपोर्ट(तहलका)

पूर्णिया में प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य अधिवेशन में शिरकत करने के दौरान रेणु जी के गाँव जाना संभव हुआ. औराही हिंगना  को, रानी गंज के इलाके  ( मैला आँचल में मेरीगंज ) को, जहाँ फणीश्वर नाथ रेणु का पुश्तैनी घर है, जो मैला आँचल और परती-परिकथा सहित उनकी कई कहानियों की आधारभूमि है,  जहां पंचलैट के टोले हैं, जहाँ तीसरी कसम  के जीवंत पात्र और कसबाई तथा ग्रामीण समाज ...

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