हमने चर्चित कारपोरेट पीआर बॉस नीरा राडिया, मीडिया की नामवर हस्तियों और राजनीति के दिग्गजों की टेलीफोन की बातचीत के लीक हुए टेपों में जो कुछ सुना है वह एक मीडिया-चालित(मीडिया-आइज्ड) राजनीति की सटीक तस्वीर पेश करता है। इस प्रकरण से पता चलता है कि किस तरह से पेशेवर संवादकर्मी (प्रोफेशनल कम्युनिकेटर्स) महत्वपूर्ण नीतियों के मामलों में जनता की समझ को गढते या परिचालित करते हैं। निसंदेह...
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पहाड़ को इस तरह भी देखिए- रामचंद्र गुहा
चार युवाओं ने 25 मई, 1974 को हिमालय पर एक लंबी पदयात्रा की शुरुआत की। ये चारों उस लोकप्रिय उत्तराखंड आंदोलन के कार्यकर्ता थे, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के पर्वतीय जिलों को मिलाकर एक पृथक राज्य की स्थापना करना था। ये लंबे समय से उपेक्षित रहे जिले थे, जिनका सस्ते श्रम और प्राकृतिक संसाधनों को लेकर दोहन तो भरपूर हुआ, मगर बदले में अपेक्षित सम्मान के लिए ये हमेशा तरसते रहे।...
More »मीडिया की मर्यादा- सुशील कुमार महापात्र
मीडिया की समाज में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया को लोकतांत्रिक व्यवस्था का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी देश और लोगों की समस्याओं को सामने लाने के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर नजर रखना भी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में मीडिया की कार्यप्रणाली और रुख पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सवाल यह है कि क्या मीडिया बदल रहा है? क्या मीडिया के नैतिक...
More »गांवों में केवल बूढ़े रह जायेंगे
तकनीक और शहरीकरण पूरी दुनिया को तेजी से बदल रहे हैं. खास कर विकासशील देशों को. अपना देश भी इससे अछूता नहीं है. जैसे-जैसे ‘इंडिया’ 2025 की ओर बढ़ रहा है, हम ‘भारत’ के बारे में भूल रहे हैं. इस श्रृंखला में हम यह आकलन पेश करने की कोशिश करेंगे कि 2025 में कैसी होगी हमारी जिंदगी. पेश है पहली कड़ी. नयी दिल्ली : आज भारत में कस्बे तेजी से शहरों में...
More »जरूरत रोजगार के अवसर बढ़ाने की- नयन चंदा
अपने देश के 80 करोड़ गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा मुहैया करवाने की शुरुआत भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस प्रकार की सामाजिक सुरक्षा वाली लोक कल्याणकारी योजना शुरू करना नैतिक रूप से सराहनीय है, लेकिन आर्थिक नजरिए से यह समस्या पैदा करने वाली भी है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लिए शुरू की गई ऐसी योजना को निरंतर बनाए रखने और उसके लिए पैसा जुटाने के लिए ...
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