दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को बहुत ही गंभीर बताते हुये सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि इस संकट को हल करने के लिये बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है और इसके लिये राजधानी में आवश्यक वस्तुयें लाने वाले वाहनों के अलावा डीजल से चलने वाले सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। न्यायालय ने केन्द्र सरकार से कहा कि इस मामले में सभी भागीदारों से परामर्श...
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सर्वोच्च न्यायालय का समान नागरिक संहिता पर दखल से इनकार
सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले कथित भेदभाव को रोकने के लिए संसद को समान नागरिक संहिता बनाने का निर्देश देने के अनुरोध संबंधी जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह संसद का रुख करे, अदालत का वक्त न जाया करे। यह जनहित याचिका अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की थी। अश्विनी भारतीय...
More »57 साल में 225 गुना बढ़ी सैलरी..- धर्मेन्द्रपाल सिंह
करीब पौने दो साल की मशक्कत के बाद केंद्र द्वारा गठित सातवें वेतन आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है उससे भारत सरकार के सैंतालीस लाख कर्मचारियों और बावन लाख पेंशनभोगियों को सीधे-सीधे लाभ पहुंचेगा। परंपरा के अनुसार मामूली कतर-ब्योंत के बाद देश भर की राज्य सरकारें, स्वायत्तशासी संस्थान और सरकारी नियंत्रण वाली फर्म भी वेतन आयोग को अपना लेती हैं। इस हिसाब से इसका असर संगठित क्षेत्र के दो करोड़...
More »छह माह में भरे जाएं सूचना आयुक्तों के पद: दिल्ली हाई कोर्ट
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में लंबित पड़े मामलों को गंभीरता से लिया है। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने शुक्रवार को सीआईसी में रिक्त पड़े पदों को भरने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सूचना आयुक्त के तीन रिक्त पदों को छह माह के भीतर भरा जाए। खंडपीठ ने कहा कि सरकार को पिछले वर्ष जारी...
More »अदालत बनाम हुकूमत की नौबत! - संतोष कुमार
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को असंवैधानिक ठहराने के सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद से ही इस पर सरकार और न्यायपालिका के बीच ठनी हुई है। सर्वोच्च अदालत कॉलेजियम प्रणाली पर अडिग है, अलबत्ता उसने इसमें सुधार के लिए लोगों से सुझाव जरूर मांगे हैं। सरकार भी इस मत पर कायम है कि एनजेएसी को असंवैधानिक ठहराने का फैसला संसदीय संप्रभुता को झटका है। वर्ष 1788 में प्रकाशित 'फेडरलिस्ट...
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