SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 694

बिहार में केरल के बाद सामाजिक क्षेत्र में निवेश अधिक : शैबाल गुप्ता

टना : आद्री के सदस्य सचिव व समाजशास्त्री शैबाल गुप्ता ने कहा कि भारत में केरल के बाद बिहार में सामाजिक क्षेत्र में अधिक निवेश हुआ है. खासकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में. सामाजिक क्षेत्र में निवेश का परिणाम ही विकास के रूप में सामने आता है. भारत में वर्किंग पॉपुलेशन का औसत अभी ठीक है. विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित कार्यशाला में गुप्ता ने बताया कि यह विडंबना...

More »

कभी अबरख से चमकता था, अब ढीबरा तले दबा कोडरमा-- जीवेश

कोडरमा शहर व मुख्य पथ से महज छह किलोमीटर हट कर है छतरबर का इलाका. इस घनी बस्ती से सट कर शुरू होता है जंगली क्षेत्र. झाड़ियोंवाले इस जंगल में थोड़ी दूर जाने पर ही सड़क के किनारे सुरंगें दिखनी शुरू हो जाती हैं. इन सुरंगों से जमीन के अंदर घुस ढीबरा (अबरख का स्क्रैप) चुनते हैं गांववाले. झाड़ियों के बीच स्थित पगडंडी पर तीर का लाल (रात में...

More »

आर्थिक सुधार- नई मंजिलें- पी चिदंबरम

पिछले हफ्ते भारत में आर्थिक सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के पच्चीस साल पूरे हुए। सरकार ने इस अवसर की अनदेखी की, और इसकी वजह समझना मुश्किल नहीं है: आर्थिक सुधार पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने शुरू किए थे, और तब भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया था। (स्वदेशी जागरण मंच का वजूद आज भी है।) कल्पना करें कि 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी...

More »

राज्य के पास दूध, अंडा, मांस व ऊन उत्पादन का ब्योरा नहीं

पटना : राज्य में एक साल से मांस, अंडा, दूध और ऊन के उत्पादन में विकास या कमी का कोई ब्योरा नहीं है. देश के स्तर पर सभी राज्यों को तीन माह में एक बार प्रति व्यक्ति मांस, अंडा, दूध और ऊन का उत्पादन ओर खपत का ब्योरा केंद्र सरकार को देना होता है. इस ब्योरा के आधार पर राज्य सरकार भी पशुधन के विकास की योजना तैयार करती...

More »

ताकि हर बच्चे को मिले अच्छी शिक्षा-- हरिवंश चतुर्वेदी

संख्या के आधार पर देखा जाए, तो दुनिया में भारत की स्कूली शिक्षा-व्यवस्था चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी। देश के15 लाख स्कूलों में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन 15 लाख स्कूलों में 11 लाख सरकारी और चार लाख प्राइवेट स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की संख्या 85 लाख है, जिनमें से 47 लाख अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। हर वर्ष सालाना परीक्षाओं में जब...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close