उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
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हमारी संवेदना का अकाल-- योगेन्द्र यादव
अकेले नहीं आता अकाल. पानी, प्रकृति और समाज के देशज चिंतक अनुपम मिश्र के लेख का यह शीर्षक अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है. कुदरत सूखा देती है, अकाल नहीं. हर चौथे-पांचवें साल हमारे देश में बारिश की कमी होती है. लेकिन जरूरी नहीं कि इससे अन्न की कमी हो, पीने के पानी का संकट हो, इंसानों और मवेशियों की जान पर बन आये, खेती-किसानी से जुड़े हर...
More »छत्तीसगढ़ में सूखती फसलों को भादो में मिली संजीवनी
रायपुर। भादो मास में हो रही लगातार बारिश से छत्तीसग़ढ़ की खेती-किसानी संभलने लगी है। एक ओर सूखती फसलों के लिए ये बारिश संजीवनी का काम कर रही है, वहीं रबी की फसलों के लिए भी ये जमीन तैयार कर रही है। खेती के जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि की फसलों के लिए यह पानी फायदेमंद है। पिछले चार दिनों की बारिश से राज्य के जलाशयों में पानी भर...
More »ओड़िशा में भारी बारिश, नदी में बाढ़ आई ताे बह गए छत्तीसगढ़ के दर्जनों गांव
जगदलपुर, रायपुर. पिछले तीन दिनों से छत्तीसगढ़ में बारिश ने राहत तो दी लेकिन बस्तर के दर्जनों गांव के लोग मुसीबत में आ गए हैं। ओड़िशा में इन दिनों भारी बारिश का दौर जारी है, ओड़िशा के नवरंगपुर में बने खातीगुड़ा डैम के चार फाटक अचानक खोल दिए गए। इससे छत्तीसगढ़ के इंद्रावती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया कि दर्जनों गांवों में बाढ़ आ गई और तकरीबन एक हजार...
More »36 में से 23 सबडिविजन में कम हुई बारिश, कर्नाटक और तमिलनाडू में सूखे जैसे हालात
जुलाई के दौरान मानसून की कम बरसात का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले करीब 13 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई है। साथ ही पिछले हफ्ते देश की 36 में से 23 सब डिविजन में सामान्य या सामान्य से कम बारिश हुई है। इसके अलावा कर्नाटक और तमिलनाडू में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। मौसम...
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