हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "किसान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण) एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...
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छोटे आयकरदाताओं की बजट से अपेक्षाएं- जयंतीलाल भंडारी
इन दिनों देश भर के नौकरीपेशा और छोटे आयकरदाता वित्त मंत्री अरुण जेटली से वर्ष 2016-17 के बजट में आयकर राहत की अपेक्षा कर रहे हैं। वस्तुत: इस समय व्यक्तिगत आयकर छूट का दायरा एक तो आयकरदाताओं को महंगाई से राहत देने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए, और दूसरे, आयकरदाताओं की क्रयशक्ति बढ़ाकर मांग में वृद्धि करने के लिए। अभी देश में आयकरदाताओं की संख्या करीब साढ़े तीन करोड़ है,...
More »शहरी और ग्रामीण गरीबी की आंख खोलती तस्वीर-- उमेश चतुर्वेदी
विकास के दावों के बीच जब राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्टें आती हैं, तो इन कोशिशों के विद्रूप की ओर न सिर्फ ध्यान दिलाती हैं, बल्कि ऐसे दावों की एक हद तक कलई भी खोल देती हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्टें चूंकि कोई निजी संस्था या गैर सरकारी संगठन तैयार नहीं करता, लिहाजा इस पर सरकारों के लिए भी सवाल उठाने की गुंजाइश नहीं रह पाती। हाल में ग्रामीण...
More »शराबबंदी- क्या केरल-बिहार को मिलेगी सफलता? -
देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच अपनी कुदरती खूबसूरती के लिए मशहूर केरल पूर्ण शराबबंदी की राह पर चल पड़ा है। अगस्त 2014 में केरल सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी थी, जिसे बार और होटल मालिकों ने चुनौती दी थी। लेकिन पिछले साल के आखिरी दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने शराबबंदी पर केरल सरकार के फैसले को बहाल रखा और अब वहां सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही शराब...
More »थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे फिर भी खाद्य महंगाई संकट
नई दिल्ली। सरकार भले ही थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति को काबू कर शून्य से नीचे रखने में कामयाब रही हो लेकिन खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई दर बड़ी चुनौती बनी हुई है। खाद्य महंगाई दर लगातार बढ़ते हुए दिसंबर में 8.17 प्रतिशत पर पहुंच गई है। खास बात यह है कि केंद्र की तमाम कोशिशों के बावजूद दलहन की महंगाई दर थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं...
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