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ताकि बदले औरतों का हाल-- मरियाना बाबर

साउथ एशिया वुमैन'स नेटवर्क (स्वान) दक्षिण एशिया के नौ देशों की विदुषियों, महिला सांसदों, नेत्रियों, विशेषज्ञों और महिला कार्यकर्ताओं का एक संगठन है। ये नौ देश हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। यह संगठन मुख्यतः पर्यावरण, कला और साहित्य, शांति, स्वास्थ्य, पोषण और खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, शिल्प और वस्त्र, वित्त, आजीविका और उद्यम विकास तथा मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।...

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महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण की तैयारी

भोपाल(ब्‍यूरो)। राज्य सरकार महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा के पास भेज दिया है। इस पर फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा। वर्तमान में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। यदि सरकार सहमत हो गई, तो कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश देश का दूसरा राज्य...

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स्किल इंडिया मिशन : दूर का सपना और नजदीकी सच्चाई

क्या अगले सात सालों में 40 करोड़ लोगों को रोजी-रोजगार हासिल कर सकने लायक हुनर सिखाने का स्किल इंडिया मिशन का लक्ष्य सच्चाई कम और दूर का सपना ज्यादा है ?   सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट के तथ्य इसी आशंका को बल देते हैं. (देखें नीचे दी गई लिंक)   रिपोर्ट के अनुसार साल 2011-12 में देश में 15 साल और इससे ज्यादा उम्र के केवल 2.4 प्रतिशत लोगों...

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मुद्रा बैंक :समग्र विकास का अंग--- अविनाश राय

हमारे देश में लाखों करोड़ों ऐसे सामान्य नागरिक हैं जो छोटे-छोटे कारोबार और उद्योग चलाते हैं परन्तु वे अक्सर औपचारिक और संगठनात्मक ऋण व्यवस्था के दायरे से बाहर ही रहते हैं, जबकि समग्र अर्थव्यवस्था में सामूहिक रूप में उनका सहयोग बहुत विशाल हो जाता है। यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का। इस संदेश के माध्यम से उन्होंने उन छोटे-छोटे व्यवसाय, दुकान चलाने वालों और यहां तक कि रेहड़ी-पटरी...

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भारत की कहानी में बिहार कहां है?-- शंकर अय्यर

आज बिहार उम्मीदों और निराशा के दोराहे पर खड़ा है। पिछले कई दशकों से ‌अगर बिहार दुर्दशा झेल रहा है, तो इसकी वजह सिर्फ मंडल, कमंडल और जंगल राज नहीं है। इसकी असल वजह 'राजनीति' है, जिसमें 'राज' कुछ ज्यादा, तो 'नीति' जरूरत से काफी कम रही है। भारत में शासन को लेकर एक बेहद प्रचलित उक्ति है कि यहां वह सब कुछ जो गलत हो सकता है, वह लगातार...

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