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कोरोना संकट ने सबसे ज्यादा नुकसान जिन क्षेत्रों का किया है शिक्षा उनमें सबसे आगे है

-सत्याग्रह, जुलाई का महीना नई कक्षा, नई किताब-कॉपियों की खुशबू के साथ नए बस्ते, यूनिफॉर्म और जूतों की रंगत और कुछ नए चेहरों से दोस्ती का मौसम होता है. बरसात की आमद कन्फर्म हो चुकने के बाद, इस सीलन-उमस भरे मौसम का मिज़ाज कुछ ऐसा हुआ करता है कि सालों पहले पढ़ाई खत्म कर चुकने वालों को भी इन दिनों स्कूल से जुड़ा नॉस्टैल्जिया रह-रह कर सताता है. लेकिन 2020 किसी...

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एम्स के पैनल से मिली कोविड-19 वैक्सीन 'कोवाक्सिन' के मानव परीक्षण की मंजूरी

-आउटलुक, एम्स की आचार समिति ने कोविड-19 के स्वदेश विकसित टीके 'कोवाक्सिन' के मानव पर परीक्षण की शनिवार को इजाजत दे दी। अब इसके लिए एम्स परीक्षण में स्वेच्छा से शामिल होने के इच्छुक स्वस्थ लोगों का सोमवार से पंजीयन शुरू करेगा। कोवाक्सिन के मानव पर पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दिल्ली स्थित एम्स सहित 12 संस्थानों का चयन किया है। पहले चरण में...

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कोरोना के इस वैश्विक संकट के समय आज गांधी होते, तो क्या करते?

-लल्लनटॉप, आज का वैश्विक संकट तिहरा है. कोविड महामारी, गहन व्यापक आर्थिक मंदी और मानव अस्तित्व को खतरे में डालने वाला पर्यावरण परिवर्तन. इन सबके अलावा, ऐसी परिस्थिति में राह दिखाने वाले राजनीतिक और नैतिक नेतृत्व का दुनियाभर में अभाव है. इसलिए उत्तर तो कहीं और ही ढूंढ़ना पड़ेगा! महात्मा गांधी के सामने यह चुनौती खड़ी होती, तो उन्होंने क्या किया होता? इसका जवाब कहां खोजा जाए? यह तो वे खुद...

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सड़कों से समुद्रों तक पहुंच रहा है हर साल 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक: रिपोर्ट

-डाउन टू अर्थ, हर साल सड़क पर दौड़ रहे वाहनों से उत्सर्जित होने वाला करीब 140,000 टन माइक्रोप्लास्टिक्स हवा के जरिए समुद्रों तक पहुंच जाता है। जोकि इकोसिस्टम और मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। यह जानकारी कल (14 जुलाई 2020) प्रकाशित एक नए शोध से सामने आई है। जोकि अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में यह जानने की कोशिश की गई है कि किस...

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जातिगत भेदभाव को लेकर कब ख़त्म होगा भारतीयों का दोहरापन

-द वायर, ‘जाति समस्या- सैद्धांतिक और व्यावहारिक तौर पर एक विकराल मामला है. व्यावहारिक तौर पर देखें तो वह एक ऐसी संस्था है जो प्रचंड परिणामों का संकेत देती है. वह एक स्थानीय समस्या है, लेकिन एक ऐसी समस्या जो बड़ी क्षति को जन्म दे सकती है. जब तक भारत में जाति अस्तित्व में है, हिंदुओं के लिए यह संभव नहीं होगा कि वह अंतरजातीय विवाह करें या बाहरी लोगों के...

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