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कोविड-19 का टीका लगने के बाद भी क्यों हो रहे स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित?

-कारवां, 14 मार्च को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के एक महीने बाद 55 वर्षीय राजिंदर वर्मा फिर से कोविड संक्र​मित हो गए. इससे दो दिन पहले वर्मा को बुखार, हल्की सर्दी और खांसी हुई थी. उन्होंने कहा, "मैं अब पहले जैसा युवा नहीं हूं इसलिए मैंने सोचा कि यह बस थकावट है और मौसम बदला है इसलिए ठंड लग गई है." लेकिन उनका तापमान बढ़कर 103 डिग्री हो गया और...

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पातालकोट में पौष्टिक अनाजों की खेती -बाबा मायाराम

“हमारे इलाके में परंपरागत देसी बीज लुप्त हो रहे थे, लेकिन अब हम उनको बचा रहे हैं, उनकी खेती कर रहे हैं। इससे सालभर के भोजन के लिए अनाज तो मिलता ही है, बाजार में भी बेच लेते हैं।” यह ज्ञान शाह भारती थे, जो पातालकोट के घाना कौड़िया गांव के निवासी हैं। पातालकोट, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील में है। यह सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच स्थित है।...

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जैविक सब्जियों की खेती  -बाबा मायाराम

“मैं अपनी छत पर सब्जियों की खेती करता हूं। गमले में या पुराने टूटे -फूटे टीन के डिब्बों में हरी सब्जियां लगाता हूं। पालक, मैथी, बैंगन, टमाटर, ककड़ी, लौकी, गिलकी, भिंडी लगी है। इससे हमारे परिवार को पूरे हफ्ते हरी ताजी सब्जियां मिलती हैं।” यह रोहना गांव के राजेश सामले थे, जो मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में रहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सामले होशंगाबाद जिले की सबसे पुरानी गांधीवादी संस्था ग्राम सेवा...

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कोविड-19 के समय में सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली हल्दी 2021 में क्यों होने वाली है महंगी

-द प्रिंट, महामारी के वर्ष में हल्दी की खपत बढ़ गई क्योंकि देश भर के लोगों ने इसे कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए रामबाण माना. केंद्र सरकार ने हल्के या बिना लक्षण वाले रोगियों में कोविड रोकथाम और उपचार के लिए हल्दी वाले दूध, काढ़ा और योग जैसे आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने की सलाह दी. और, 2019-20 से 2020-21 में कच्ची हल्दी की घरेलू मांग में 300 फीसदी का उछाल देखा गया. खपत में इस...

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आत्मनिर्भर खेती की ओर - बाबा मायाराम

“पहले मैं रासायनिक खेती करता था, लेकिन इससे धीरे-धीरे मेरे खेत की मिट्टी जवाब देने लगी, उत्पादन कम होने लगा। इसके बाद मैंने जैविक खेती शुरू की। जैविक खाद व जैव कीटनाशक बनाना सीखा। खेती में अच्छा उत्पादन लिया, मिट्टी में सुधार हुआ। अब मैं दूसरों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रशिक्षण देता हूं।” यह ओडिशा के सुदाम साहू थे, जो बरगढ़ जिले के कांटापाली गांव में रहते...

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