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'सफेद सोना" बनता जा रहा है दूध - धर्मेंद्रपाल सिंह

भोपाल को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन ने सांची दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इससे पहले मदर डेयरी और अमूल दूध के दाम बढ़ाए गए थे। चार महीने के भीतर दूध के दाम दूसरी बार बढ़े हैं। सबसे पहले गुजरात को-ऑपरेटिव दूध विपणन महासंघ ने अमूल दूध का भाव दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की थी। देश की इस सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव की देखा-देखी अन्य दूध उत्पादकों...

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मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी

झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...

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शिक्षकों का कमाल: मिड डे मील में मिलता है देसी घी का हलवा और मटर-पनीर

भिवानी. अधिकतर राजकीय स्कूल मिड डे मील के बजट का रोना रोते रहते हैं कि इतने कम पैसों में बच्चों को कैसे खिलाएं। इसके ठीक विपरीत भिवानी जिले के गांव धनाना में चल रही राजकीय प्राथमिक पाठशाला ऐसी है, जहां मिड डे मील में बच्चों को शुद्ध देशी घी के हलवे के अलावा मटर पनीर की सब्जी के साथ सलाद भी परोसी जाती है।   मिड डे मील इंचार्ज राजेंद्र सिंह की...

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सावधान ! शहर में खतरनाक रसायनों में पकाए जा रहे हैं फल

जयपुर। कम समय में ज्यादा मुनाफे के फेर में फलों को केमिकल डालकर पकाया जा रहा है। सस्ते दर पर खरीदे कच्चे फलों को 12 से 24 घंटे में कृत्रिम रूप से पकाया जा रहा है। इनमें न तो स्वाद है और न ये सेहत के लिए फायदेमंद हैं।   डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे फल खाने से लंग्स, किडनी, लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। फलों को पकाने का यह...

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'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल

अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी...

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