जालंधर। जिले के गांवों में लोगों को पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने के प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। यह दावा जिला परिषद के चेयरमैन जत्थेदार माहला सिंह ने जिला वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन कमेटी की सोमवार को हुई मीटिंग में किया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक से जुड़े इस प्रोजेक्ट के तहत 31 गांवों में वाटर सप्लाई स्कीम शुरू हो गई है। इस पर 12 करोड़ 37 लाख रुपए...
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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत
नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
More »किसान ही बना सकता है ‘उत्तम प्रदेश’
इलाहाबाद में दो सप्ताह से तनाव है, यहां किसान आंदोलनरत हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी खेती की जमीन औने-पौने दाम में लेकर उस पर ‘विकास’ किया जाए। ऐसी ही स्थिति बीते दो सालों के दौरान दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा आदि में देखने को मिली है। विकास के नाम पर खेत उजाड़ने पर किसान सड़कों पर उतरता है। देश के सबसे विस्तृत राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक केनवस...
More »छत्तीसगढ़: उधार का राशन खा रहे प्रदेश के कैदी : मोहम्मद निजाम
रायपुर.सरकार ने राज्य के बंदियों को भोजन के लिए पिछले साल जितना बजट दिया था, महंगाई बढ़ जाने के कारण वह अक्टूबर में ही खत्म हो गया। उसके बाद से राजधानी सहित राज्य की सभी जेलों में दाल-चावल, तेल और घी के साथ चाय-पत्ती शक्कर यहां तक कि सब्जी भी उधार के बूते लिया जा रहा है। जेल विभाग अक्टूबर से अब तक तीन मर्तबा शासन से अतिरिक्त बजट मांग चुका है। इसी...
More »दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
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