आज हर बात की तरह पानी का राजनीति भी चल निकली है। पानी तरल है, इसलिए उसकी राजनीति भी जरूरत से ज्यादा बहने लगी है। देश का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जिसे प्रकृति उसके लायक पानी न देती हो, लेकिन आज दो घरों, दो गांवों, दो शहरों, दो राज्यों और दो देशों के बीच भी पानी को लेकर एक न एक लड़ाई हर जगह मिलेगी। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि...
More »SEARCH RESULT
आम बजट 2011-12: खास-खास बातें
नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के वैश्विक आर्थिक संकट से पूर्व की स्थिति में पहुंचने का जिक्र करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आम बजट पेश करते हुए भाषण की शुरुआत की। अपने शुरुआती भाषण में मुखर्जी ने कहा, 'हम उच्च विकास और चुनौतियों से भरपूर एक महत्वपूर्ण वर्ष के अंत में है। वर्ष 2010-11 में विकास दर अच्छी रही। अर्थव्यवस्था...
More »किसानों की जमीन रखने की कोशिश पर विस में हंगामा, वाकआउट
भोपाल. प्रदेश के 55 लाख किसानों की कृषि भूमि और अपेक्स बैंक की 17 अरब रुपए की सपंत्ति गिरवी रखकर विदेशी एजेंसी से बिना ब्याज का कर्ज लेने के प्रस्ताव पर सोमवार को विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। नाबार्ड और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक से खारिज हो चुके इस प्रस्ताव को देशद्रोह बताते हुए विपक्ष ने विधायकों की समिति से जांच की मांग की। अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कहा कि सरकार ने जांच...
More »प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार सबसे नीचे
राज्य की प्रति व्यक्ति सालाना आय 17,590 रुपया है। यह राष्ट्रीय औसत का एक तिहाई है। विगत वित्तीय वर्ष 2009-10 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 1,68,603 करोड़ रुपया रहा। बुधवार को बिहार विधानमंडल में वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2010-11 को पेश किया। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान कम हुआ है। उत्पादन और निर्माण के द्वितीयक सेक्टर का योगदान 13...
More »जैंतापुर का संकल्प - मेधा
संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष २०१० को जैवविविधता का वर्ष घोषित किया था और २०१० में ही भारत सरकार ने दुनिया भर में अपनी जैवविविधता के लिए मशहूर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के निर्माण के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया। ९९०० मेगावाट के जैंतापुर परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के लिए रत्नागिरी इलाके की जिन जमीनों को लिया जा रहा है, वे जमीन पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। इस इलाके में १५० प्रकार के...
More »