देश में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं, जो नदियों के बहते पानी को पंप से लिफ्ट करके सिंचाई करते हैं। जब तक विभिन्न किसान यह प्रयास व्यक्तिगत स्तर पर करते रहे, इसमें कई कठिनाइयां रहीं, पर अनेक किसान सामूहिक प्रयास से अब काफी सफलता प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के कुछ गांवों में अंडरग्राउंड पाइप डालकर इस पानी को पहले की अपेक्षा काफी अधिक खेतों...
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बच्चों को स्कूल क्यों पसंद नहीं आता - पंकज चतुर्वेदी
वह बमुश्किल तीन साल की होगी, पापा की गोदी में जब कार से उतरी, तो चहक रही थी। जैसे ही बस्ता उसके कंधे पर गया, तो वह सुबकने लगी, रंग-बिरंगे पुते, दरवाजे तक पहुंची, तो दहाड़ें मारने लगी। वह स्कूल क्या है, खेल-घर है, वहां खिलौने हैं, झूले हैं, खरगोश और कबूतर हैं, कठपुतलियां हैं, फिर भी बच्ची वहां जाना नहीं चाहती। क्योंकि...
More »बराबरी का फलसफा और हम - गोपालकृष्ण गांधी
साम्यवाद का भविष्य। यह भी आज किसी लेख का विष्ाय हो सकता है क्या? कांग्रेस का भविष्य, नेहरू-गांधी परिवार का भविष्य, लोकतांत्रिकता का भविष्य, अल्पसांख्यिकता का भ्ाविष्य, स्वतंत्र विचार, स्वतंत्र लेखन, स्वतंत्र चिंतन का भविष्य, इन सब पर सोच वाजिब और लाजिम है। लेकिन साम्यवाद..? साम्यवाद करके जब कुछ रहा ही नहीं है, उस नाम के दोनों दलों माकपा और भाकपा के जब लोकसभा में सदस्य ही नहीं के बराबर हैं,...
More »चोरी पर लगाम लगाकर केन्द्र सरकार ने बनाई देश में 24 घंटे बिजली सप्लाई की योजना
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने देश से बिजली संकट दूर कर 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए 25,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सरकार ने शहरी इलाकों में सब-ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 32,612 करोड रुपये की योजना को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने गांवों के कृषि और...
More »झाबुआ में बेटियों को नसीब नहीं हो रही गोद
अहद खान/झाबुआ। जिले के पेटलावद में एक शराबी पिता अपनी बेटी को लावारिस छोड़ गया। दूसरी महिला इसका लालन-पालन कर रही है। शायद इस शराबी की संतान यदि बेटा होती तो वो ऐसा नहीं करता। लाख दावों, नारों और कोशिशों के बावजूद बेटियों को परिवार का प्यार नहीं मिल पा रहा। 'बेटी है तो कल है' नारे में ये बात अच्छी लगती है, लेकिन असलियत में उन्हें गोद लेने वाले...
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