मुंबई। बार्क के वैज्ञानिकों ने दिल्ली के मायापुरी इलाके में लोगों को विकिरण की चपेट में आने की स्थिति में संभावित शारीरिक लक्षणों के बारे में चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि ऐसी किसी स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित किया जाए। भाभा परमाणु शोध केंद्र [बार्क] के शारीरिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि बेहद उच्च विकिरण की चपेट में आने के लक्षणों में जलन , बालों का गिरना, मितली आना...
More »SEARCH RESULT
करोड़पति हैं, इसलिए कानून पर भी भारी हैं!
लखनऊ [राजेंद्र कुमार]। उनकी जितनी आय नहीं है, उससे ज्यादा की सम्पत्ति के वे मालिक हैं। अब जैसे लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक बाबू हैं, वह हीरो होंडा कार के मालिक तो हैं हीं उनके पास लखनऊ में विकास प्राधिकरण के आधा दर्जन से ज्यादा प्लाट हैं जिनकी कीमत करोड़ में पहुंच चुकी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक बाबू की हैसियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि लखनऊ...
More »परिवार छोटा रखने का जिम्मा भी महिलाओं पर डाला
पटना। जनसंख्या नियंत्रण के सबसे अहम उपायों में से एक है महिला बंध्याकरण और दूसरा पुरुष नसबंदी। शिशु जन्म की पूरी प्रक्रिया में महिला की भागीदारी ज्यादा होने से उनकी समस्याएं भी अधिक होती हैं, इसलिए इससे निजात के लिए वे बंध्याकरण के प्रति ज्यादा उत्साह दिखाती हैं, लेकिन पुरुष इसमें पीछे हैं। पुरुष अब भी इस गलत और अवैज्ञानिक धारणा के शिकार हैं कि नसबंदी होने पर वे अपनी मर्दानगी [यौन क्षमता] खो बैठेंगे...
More »जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे
एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
More »