Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | परिवार छोटा रखने का जिम्मा भी महिलाओं पर डाला

परिवार छोटा रखने का जिम्मा भी महिलाओं पर डाला

Share this article Share this article
published Published on Apr 30, 2010   modified Modified on Apr 30, 2010

पटना। जनसंख्या नियंत्रण के सबसे अहम उपायों में से एक है महिला बंध्याकरण और दूसरा पुरुष नसबंदी। शिशु जन्म की पूरी प्रक्रिया में महिला की भागीदारी ज्यादा होने से उनकी समस्याएं भी अधिक होती हैं, इसलिए इससे निजात के लिए वे बंध्याकरण के प्रति ज्यादा उत्साह दिखाती हैं, लेकिन पुरुष इसमें पीछे हैं।

पुरुष अब भी इस गलत और अवैज्ञानिक धारणा के शिकार हैं कि नसबंदी होने पर वे अपनी मर्दानगी [यौन क्षमता] खो बैठेंगे या कमजोरी का शिकार होंगे। नतीजा यह कि कुल आपरेशनों में से पुरुषों की संख्या करीब 0.3 फीसदी है। दूसरी ओर गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब 35 फीसदी अधिक महिलाओं ने बंध्याकरण आपरेशन कराया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नसबंदी के बारे में लोगों की गलत धारणा को दूर कर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपनी नसबंदी का उदाहरण पेश कर कहा है कि मुझे तो कोई कमजोरी नहीं। इससे पुरुष सोच में बदलाव की उम्मीद है, लेकिन इस मुद्दे पर अभी व्यापक प्रचार की जरूरत है।

पटना जिले की बात करें तो वर्ष 2008 की तुलना में 2009 ने निराश किया। कुल बंध्याकरणों की संख्या में करीब चार हजार की कमी आयी है। 2008 में जहा कुल 17 हजार 300 बंध्याकरण हुए थे, वहीं 2009 में 13 हजार 256।

यह हालात तब है जब राज्य सरकार ने इस वर्ष जनसंख्या स्थिरीकरण कोषाग का भी गठन किया है। राष्ट्रीय जनसंख्या कोष के निदेशक अमरजीत सिंह ने अपने पटना दौरे के दौरान स्वीकार किया था कि बंध्याकरण की संख्या में तो बढ़ोतरी हुई है, गुणवत्ता में नहीं।

कैमूर जिले में बीते वर्ष 2009-10 में दस हजार 256 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया, जबकि नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या मात्र 29 रही। नसबंदी कराने वाले पुरुष एवं बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। अब तो सरकारी अस्पतालों के अलावा एनजीओ के माध्यम से निजी चिकित्सालयों में भी नसबंदी तथा बंध्याकरण आपरेशन होने लगे हैं। सरकार ने पुरुषों के लिए ग्यारह सौ तथा महिलाओं के लिए 650 रुपए प्रोत्साहन राशि निर्धारित है। कैमूर के सिविल सर्जन डा. उचित लाल मंडल ने बताया कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की नसबंदी आसान है। रोहतास जिले में भी मर्दानगी पर बट्टा लगने का भय पुरुषों के मन से नहीं गया है। पुरुषों को इसके लिए राजी करने के तमाम सरकारी व गैर सरकारी प्रयास अब तक विफल साबित हुए हैं। जिले के 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, दो अनुमंडलीय अस्पतालों व एक सदर अस्पताल में तमाम कवायद के बाद भी पुरुष नसबंदी में तेजी नहीं आ पाई है।

गत एक वर्ष में 448 पुरुष तथा 12558 महिलाओं ने नसबंदी करायी। सिविल सर्जन डा. शिवानंद सिन्हा ने कहा कि लोगों के मन भ्रातिया दूर होते ही पुरुष नसबंदी में इजाफा होगा। जिले के अकोढ़ीगोला, दावथ, करगहर, नौहट्टा, राजपुर, रोहतास, संझौली, शिवसागर, पीएचसी में एक भी नसबंदी नहीं हो पाई। लाभार्थियों को 13 सौ रुपये व उत्प्रेरक को दो सौ रुपये देने का प्रावधान है। नालंदा जिले में पुरुष नसबंदी काफी कम है। यहा मात्र 288 पुरुषों की नसबंदी हुई, जबकि 11742 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया।

इस तरह वित्तीय वर्ष में अब तक 12030 लोगों ने परिवार नियोजन उपाय अपनाये। भोजपुर में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान के स्पष्ट संकेत हैं। यहा वर्ष 2009-10 में पुरुष नसबंदी की संख्या 1065 रही, जबकि बंध्याकरण लगभग दस हजार। बक्सर जिले में भी पुरुष मानसिकता वही है। डीपीएम सत्येन्द्र कुमार के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में यहा महज 21 लोगों ने नसबंदी करायी। वैसे पिछले वषरें की तुलना में प्रगति अवश्य है। विभागीय सूत्रों की माने तो पहले नसबंदी के एक या दो ही केस मिलते थे।


http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_6377253.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close