देश के हर चौराहे, चायखाने, पान की दुकान और शिक्षा परिसर में आजकल भारतीय लोकतंत्र के भविष्य पर चिंता जतायी जा रही है, नाना अटकलें लगायी जा रही हैं. और इन अटकलों का स्रोत मीडिया है, पारंपरिक या सोशल मीडिया. आजादी के सत्तर वर्षों बाद देश जनता को जागृत करनेवाली ताकत के रूप में मीडिया को पहचान रहा है, जिसके विमोचन के लिए गांधी जी ने ‘नवजीवन' नामक साप्ताहिक...
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महिला किसानों का संगम रेडियो- बाबा मायाराम
तेलंगाना का छोटा गांव है माचनूर। वैसे तो यह गांव आम गांव की तरह है लेकिन सामुदायिक रेडियो ने इसे खास बना दिया है। इस गांव का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है, देश का पहला सामुदायिक रेडियो इसी गांव में स्थापित हुआ। एक और इतिहास बना, वह है दलित महिला किसानों ने इसे चलाया। वे रिकार्डिंग से लेकर कार्यक्रम प्रसारित करने तक के सभी काम करती हैं। संगारेड्डी जिले...
More »10 फीसदी आरक्षण: तेजी से घट रही है सरकारी विभाग, बैंकों में नौकरियां
नई दिल्ली: रोजगार की संभावनाओं के संदर्भ में सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभार्थियों को केंद्र सरकार में घटती नौकरियों की समस्या का समाना करना पड़ सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), यहां तक कि बैंक में भी लगातार नौकरियां कम हो रही हैं. कार्मिक...
More »‘मुद्रा’ के बढ़ते एनपीए पर आरबीआइ ने किया सावधान
नयी दिल्ली : आरबीआइ ने केंद्र की महत्वाकांक्षी मुद्रा लोन योजना में बढ़ते एनपीए (डूबा कर्ज) को लेकर सरकार को चेताया है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी. -11,000 करोड़ रुपये का बैड लोन (एनपीए) हो गया है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत -2.46 लाख करोड़ रुपये का मुद्रा लोन बांटा जा चुका है वर्ष 2018 तक -4.81 करोड़ छोटे स्तर पर बिजनेस करनेवाले लोगों ने यह कर्ज लिया मुद्रा...
More »वो पेंशन रोक सकते हैं, पर खाना खाने से नहीं: जस्टिस चेलमेश्वर
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर का कहना है कि फ़र्क़ नहीं पड़ता कि भारत सरकार ठीक से काम कर रही है या नहीं या फिर सुप्रीम कोर्ट अपना काम ठीक से कर रहा है या नहीं. बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के अपने पैतृक गाँव में वो सुकून की ज़िन्दगी जी रहे हैं 'जहां ना संसद है और ना सुप्रीम कोर्ट.' पिछले...
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