छत्रपुर (गंजाम)। चक्रवाती तूफान ‘फैलिन’ का सबसे ज्यादा कहर ओडिशा के तटीय जिले गंजाम पर देखने को मिला। अनुमानित तौर पर कम से कम 3,000 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा में लाखों लोगों की आजीविका छीन गयी और 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए। मछुआरों का भी बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि उनके मछली पकड़ने के जाल, नाव और बेड़े क्षतिग्रस्त हो गए। किसानों को भी नुकसान हुआ है...
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पूर्वी सिंहभूम जिले में 1,000 ग्रामीण स्थानांतरित
जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला उपसंभाग में जारी भारी बारिश के कारण यहां के नीचले इलाके जलमग्न हो गए हैं. इस बीच यहां तेज से बहुत तेज बारिश की होने की संभावना को देखते हुए रविवार को यहां के एक हजार से अधिक ग्रामीणों को स्थानांतरित कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. घाटशिला के उप संभागीय अधिकारी अमित कुमार ने यहां कहा कि ‘फैलिन’ चक्रवात के...
More »हर बच्चे का बस एक ही दर्द, अब यहां से कोई नहीं जा पाएगा स्कूल..!- रवीश कुमार झा
पंचकूला. शिक्षा विभाग ने हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त न होने के कारण जिले के 18 प्राइवेट स्कूलों को बंद कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच के दौरान ये स्कूल बोर्ड की मान्यता के लिए निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरे थे। हालांकि विभाग की जांच में 28 स्कूलों को बोर्ड की मान्यता के अनुकूल नहीं पाया गया था, जिन्हें...
More »बर्बरता नहीं हो सकती मृत्युदंड का आधार : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बर्बरतापूर्ण हत्या या आंख के बदले आंख जैसा प्राचीन चलन किसी मामले को विरलतम मानने और ऐसे अपराध के लिए मृत्युदंड देने का आधार नहीं हो सकता। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू, न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति एमवाइ इकबाल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने तिहरे हत्याकांड के मुजरिम की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करते हुए यह व्यवस्था दी है। जजों ने अदालतों को...
More »तबाही छोड़ गया फेलिन, 90 लाख लोग प्रभावित
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। देश में पिछले 14 वर्ष में आए अब तक के सबसे बड़े चक्रवाती तूफान फेलिन से ज्यादा लोग हताहत तो नहीं हुए, लेकिन यह अपने पीछे बड़ी तबाही के निशान छोड़ गया है। फेलिन से हुआ नुकसान बता रहा है कि अगर सही समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया जाता, तो यह 1999 में ओडिशा में तबाही मचाने वाले चक्रवात से कहीं ज्यादा...
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