कहा जा रहा है कि दुनिया अब बूढ़ी हो रही है. पचास के दशक की तुलना में 21वीं शताब्दी में साठ साल से ऊपर की उम्र के लोगों की संख्या तीन गुनी ज्यादा हो जायेगी. भारत में भी लगभग आठ प्रतिशत जनसंख्या साठ से ऊपर है, बिहार जहां अपेक्षाकृत युवा ज्यादा हैं, वहां भी यह प्रतिशत सात से कम नहीं है. लेकिन दुनिया के विकसित देशों की तरह भारत में...
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गंभीर खतरा, सुस्त रवैया-- विनीत कुमार
हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जब धरती के वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैस का स्तर पिछले 8 लाख वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और फरवरी, 2018 में तो यह 408 पीपीएम के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ की एमिशन गैप रिपोर्ट 2017 कहती है कि पेरिस समझौते के अंतर्गत देशों की वर्तमान प्रतिबद्धताएं तापमान को 21वीं सदी के अंत...
More »विश्व बैंक की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की तारीफ
अनिल मिश्रा, रायपुर। विश्व बैंक की हाल ही में रिलीज हुई सालाना रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के पीडीएस मॉडल की प्रशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्रयोग से लीकेज कम करने में सफलता हासिल की है। 2005 में पीडीएस में लीकेज 52 फीसद था जो 2012 में घटकर नौ फीसद रह गया। विश्व बैंक की 2019 की रिपोर्ट-चेंजिंग...
More »बिहार के कारण नहीं पिछड़ा भारत- डॉ शैबाल गुप्ता
पिछले दिनों नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक बयान दिया- 'बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है.' इस बयान में कोई सच्चाई नहीं है और न ही इसका कोई ठोस आधार ही है. इस बयान को दो ढंग से लिया जा सकता है. एक : शायद अमिताभ कांत भारत के अल्पविकसित होने के क्रम-काल को नहीं समझ पाये, इसलिए उनको लगा कि...
More »कोर्ट ही कोर्ट को बचा सकता है-- प्रो. फैजान मुस्तफा
भारत के विधि आयोग की 195वीं रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तावित 'जजेज (इन्क्वाॅयरी) बिल, 2006' का उद्देश्य एक ऐसे न्यायिक मंच की स्थापना करना था, जो जजों के विरुद्ध शिकायतों से निबट सके. चार वरिष्ठ जजों का इसका सदस्य होना था. इसके अंतर्गत यह प्रावधान किया गया था कि जिस मामले में महाभियोग की जरूरत न हो, उसमें चेतावनी, परामर्श, फटकार, न्यायिक कार्यों से अलगाव या निजी या सार्वजनिक...
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