र्मी शुरू हो गयी है. हम सब जानते हैं कि हर साल की तरह हमारे गांव, कस्बे और शहर पानी की कमी से जूझेंगे. लेकिन, इस विषय में हम तभी सोचते हैं, जब समस्या हमारे सिर पर आ खड़ी होती है. न तो सरकारों की ओर से कोई ठोस पहल होती है और न ही समाज की ओर से कोई अभियान छेड़ा जाता है. समस्या केवल कम बारिश की नहीं...
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जहरीला होता जमीन का पानी-- पंकज चतुर्वेदी
जमीन में पानी का अकूत भंडार है। यह पानी का सर्वसुलभ और स्वच्छ स्रोत है। लेकिन यदि एक बार दूषित हो जाए तो इसका परिष्करण लगभग असंभव होता है। भारत में जनसंख्या बढ़ने के साथ घरेलू इस्तेमाल, खेती और औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। जमीन से पानी निकालने की प्रक्रिया ने भूजल को खतरनाक स्तर तक जहरीला बना दिया है। इसके लिए समाज...
More »फसल के दाम का सच-- योगेन्द्र यादव
कल रात एक छोटा-सा वीडियो देखा, कुछ ही मिनट का रहा होगा. इस वीडियो में महाराष्ट्र के जालना जिले का एक किसान अपने खेत में लगी गोभी की फसल को तहस-नहस कर रहा है. किसान का नाम है- प्रेमसिंह लखीराम चव्हाण. कहानी यह है कि खरीफ में कपास की फसल बरबाद होने के बाद प्रेमसिंह ने अपने खेत में टमाटर और गोभी लगाये. लेकिन, जब चार क्विंटल टमाटर बाजार...
More »मिड डे मील में परोसा जाएगा फोर्टिफाइड चावल
बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए जल्द ही मिड डे मील में अधिक आयरन वाला फोर्टिफाइड चावल परोसा जाएगा। हाल ही में स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला हुआ है। मंत्रालय इस बारे में कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ...
More »दास्तान-ए-आरटीआई: कहीं मुख्य सूचना आयुक्त नहीं तो कहीं सूचना आयोग ही नदारद !
क्या हाल-फिलहाल कभी आपके मन में आया कि देश में सूचना का अधिकार कानून के अमल हालत कैसी है ? अगर आपके मन में ऐसा सवाल कौंधा हो तो नीचे लिखे तथ्य आपको जवाब तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकते हैं: देश के 19 सूचना आयोगों में मार्च(2018) के पहले पखवाड़े तक 1.93 लाख द्वितीय अपील और शिकायत की अर्जियां अपने निपटारे की बाट जोहती लंबित पड़ी हैं. केंद्रीय सूचना आयोग...
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