बेंगलुरु : बेंगलुरु में मंगलवार रात ‘फायर ब्रांड' पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी गयी. उनकी हत्या उनके आवास के बाहर हुई. गौरी लंकेश की पहचान एक व्यवस्था विरोधी पत्रकार की थी, जो गरीबों और दलितों की हितैषी थीं. साथ ही उन्हें हिंदुत्वादी राजनीति का कट्टर विरोधी माना जाता था. कन्नड़ पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों...
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पुनर्वास पर संवेदनहीन सरकार-- हिमांशु ठक्कर
मध्य प्रदेश में सरदार सरोवर बांध के डूब वाले क्षेत्रों में प्रभावित लोगों के पुनर्वास की मांग को लेकर बीते 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की पैरोकार सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को रक्षाबंधन के दिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वे मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल कर रही थीं. नर्मदा नदी पर बना...
More »फसल बीमा योजना घोटाला-- योगेन्द्र यादव
पिछले दो साल में मैंने सरकार की फसल बीमा योजना के बारे में यह बात कई बार सुनी है कि- 'भाई साहब, यह किसान की फसल का बीमा नहीं है. यह तो बैंकों ने अपने लोन का बीमा करवाया है.' साल 2015 से लेकर अब तक जय किसान आंदोलन के साथियों के साथ मिल कर मैंने देशभर में ‘किसान मुक्ति यात्रा' की. ये यात्राएं उन्हीं इलाकों में हुईं, जहां किसानों...
More »कौड़ियों के भाव बिकने वाली प्याज अब आम आदमी के निकालेगी आंसू
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में 20 दिन पहले जो प्याज सरकार के आंसू निकाल रही थी, अब वही प्याज आम आदमी की जेब पर भारी पड़ने वाली है। मंडियों में प्याज की आवक कम होने से प्याज के भाव ने तेजी पकड़ ली है। थोक में अच्छी प्याज 18 से 20 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। ठेलों पर प्याज 25 से 30 रुपए मिलने लगी है। जानकारों की मानें तो...
More »हिमालय नीति की जरूरत--- वीरेंद्र कुमार पैन्यूल
एक हिमालय नीति की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही है। पूरे विश्व ने व संयुक्त राष्ट्र ने भी आधिकारिक रूप से यह माना है कि पहाड़ों के विकास की अलग रणनीति और तौर-तरीके होने चाहिए। पूर्व में अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय वर्ष भी मनाया गया था। अमेरिका में तो पर्वतीय विकास पर काम करने के लिए अलग से एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है। इसी क्रम में हिमालय के लिए एक अलग...
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