ओड़िशा एक बार फिर शर्मसार है। दाना मांझी प्रकरण की कालिख से बदरंग हुआ चेहरा भी राज्य सरकार को सबक नहीं दे सका। बीते अठारह अक्तूबर को राउरकेला जिला अस्पताल में लहुणीपाड़ा निवासी बबलू भूमिज अपनी ढाई साल की बच्ची का शव घर ले जाने के लिए एक अदद एंबुलेंस की खातिर डॉक्टरों की मनुहार करते रहे, लेकिन चौबीस घंटे तक भरसक प्रयास करने के बावजूद वह अंतत: नाकाम रहे।...
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आंकड़ों से बाहर अलक्षित स्त्री-श्रम-- सुजाता
पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में मां के किरदार को याद करते हुए अक्सर एक चेहरा निरूपा राय जैसी मां का सामने आता है, जो विधवा है, दुखी है, लेकिन स्वाभिमानी है. पति के न रहने पर वह दिन-रात दूसरों के कपड़े सिल कर अपने बच्चों को बड़ा करती है. अचानक यह एहसास होता है कि दुनिया का सारा कारोबार पुरुष के श्रम पर चलता है और स्त्री इसमें केवल मर्द के...
More »हाथ में रोटी लेकर बच्चे करते हैं मध्यान्ह भोजन
बैतूल। स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के नाम पर पानी की तरह पैसा तो बहाया जा रहा है, लेकिन आज भी कई स्कूलों में हाल-बेहाल हैं। भैंसदेही विकासखंड के ग्राम मच्छी बोरगांव स्थित प्राथमिक स्कूल में पिछले 2 साल से बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने के लिए थालियां तक नहीं हैं। ऐसे में बच्चों को हाथ में रोटियां लेकर खाना पड़ता हैं तो सब्जी के लिए घर से कुछ लाना होता...
More »अंचल में 500 बच्चे अतिकुपोषित, नहीं मिलता पोषण आहार
डबरा/भितरवार। डबरा और भितरवार विकासखंड में 509 बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार दर्ज हैं, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्धारित मेन्यू के अनुसार पोषण आहार नहीं दिया जा रहा है। भितरवार में 309 और डबरा विकासखंड में 200 बच्चे अतिकुपोषित हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर न तो बच्चों को नियमित खाना दिया जाता है न ही उनकी देखभाल की कोई व्यवस्था है। इतना ही नहीं प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब...
More »ड्रग मार्केट में कंपटीशन बढ़ाइए-- डा. भरत झुनझुनवाला
यूपीए सरकार द्वारा लगभग 400 दवाओं के दाम तय कर दिये गये थे. वर्तमान एनडीए सरकार ने 450 और दवाओं के दाम निर्धारित कर दिये हैं. 350 और दवाओं के दाम निर्धारित करने की प्रक्रिया चल रही है. सरकार का यह कदम सही दिशा में है. दवाओं के बाजार के दो हिस्से हैं. पहला हिस्सा जेनेरिक दवाओं का है. अकसर दवाओं में एक केमिकल होता है. दवा को इस केमिकल के...
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