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सहरिया आदिवासी: लॉकडाउन की मार से त्रस्त

इस बार गर्मियों के दिन पूरन के लिए कुछ अलग हैं, इस साल कोई 'फड़' नहीं लगी गांव में. वैसे हर साल इन दिनों में 'फड़' लगती थी और पूरन अपने परिवार सहित तेंदू पत्ता तोड़ने जंगल जाते थे, इस बार कोरोना वायरस की वजह से ऐसा नहीं हुआ. पूरन शिवपुरी जिले के कुंवरपुर गांव में रहते हैं, वो सहरिया आदिवासी हैं. इन दिनों वो कुंवरपुर की 'सहराना' बस्ती मे लॉकडाउन...

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उत्तरी सेना के कमांडर लद्दाख पहुंचे, भारत और चीन में तनाव के बीच सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई

-द प्रिंट, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई.के. जोशी मंगलवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बढ़ते तनाव के बीच स्थिति की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे. इस तनाव ने सेना को क्षेत्र में दो अतिरिक्त डिवीजन स्ट्रेंथ-लेवल फोर्स भेजने पर मजबूर किया है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है. सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में स्थानांतरित किए गए अधिकांश सैनिक अब अभ्यस्त हो गए हैं और अब...

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अर्थातः आत्मनिर्भरता वाया चीन!

-इंडिया टूडे,  आत्मनिर्भरता की हुंकार और ‘डर गया चीन’ के दावों से उत्साहित एक स्वदेशी भक्त ने अपने गुरु को जूम की वीडियो कॉल पर जोड़ा और दहाड़ा कि अब बजेगा चीन का बैंड! गुरु ने शांत भाव से कहा बच्चा, पाखंड से बचो और पता करो कि चीन को कोसने के ताजा दौर की शुरुआत से पहले बीते एक साल में भारतीय स्टार्ट अप कंपनियों में चीन के 1.4 अरब डॉलर...

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कोरोना वायरस: ‘पंजाब मॉडल’ की तारीफ़ अमरीका में क्यों?

-बीबीसी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली - ये देश के वो चार राज्य हैं, जहाँ कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले हैं. जब भी कोरोना के बढ़ते मामलों की बात होती है, इन राज्यों का ज़िक्र आता है. वहीं जिन राज्यों ने कोरोना से निपटने के लिए अच्छा काम किया है, उनमें केरल का ज़िक्र काफ़ी होता है. देश में कोरोना का पहला मामला केरल में सामने आया था. इसके बाद भी...

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इंटरव्यू / सरकार को लॉकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों को घर भेजना चाहिए था, रिवर्स माइग्रेशन से अब वे देर से लौटेंगे, लेकिन लौटेंगे जरूर: प्रो. चिन्मय तुंबे

-भास्कर, दुनियाभर में माइग्रेशन के लिए चर्चित किताब ‘इंडिया मूविंग: अ हिस्ट्री ऑफ माइग्रेशन’ के लेखक और आईआईएम अहमदाबाद में प्रोफेसर चिन्मय तुंबे से इस वक्त कई राज्य सरकारें माइग्रेंट्स को लेकर पॉलिसी मेकिंग में एडवोकेसी-कंस्लटेंसी ले रही हैं। तुंबे का मानना है कि कोविड-19 के चलते बेशक दुनियाभर में लॉकडाउन हुआ, लेकिन पूरी दुनिया में माइग्रेंट्स के साथ ऐसा बुरा कहीं नहीं हुआ, जैसा भारत में हुआ। माइग्रेशन के विभिन्न पहलुओं...

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