बजट में कई अच्छी घोषणाएं की गई हैं जैसे ग्रामीण विद्युतीकरण एवं सड़कों में निवेश में वृद्धि, गरीबों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना, जिले स्तर पर डायलिसिस की व्यवस्था करना, नए कर्मियों के लिए कंपनियों को प्रॉविडेंट फंड में अनुदान देना, हाईवे, रेल, पोर्ट एवं एयरपोर्ट में निवेश बढ़ाना इत्यादि। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में छूट दी है, जबकि एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है। यह कदम सही दिशा...
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ग्रामीण मांग बढ़ाने की जरूरत- बी के चतुर्वेदी
पिछले वर्ष जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने पहले पूर्ण बजट पर बोलने के लिए खड़े हुए थे, तब अनेक लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि वह कोई ऐसा नीतिगत दस्तावेज पेश करेंगे, जिससे मोदी सरकार के वायदों को पूरा करने की ठोस जमीन तैयार हो। इस बार जब वह बजट पेश करेंगे, तो अपेक्षाएं अचानक बहुत बदल गई हैं। राष्ट्र अब कुछ प्रमुख मुद्दों पर विश्वसनीय समाधान की...
More »एक्टिविस्ट की बदलती भूमिका- अरुण तिवारी
वर्ष 1990 तक भारत में पंजीकृत गैरसरकारी संगठनों की संख्या मात्र पौने सात लाख थी, जो आज बढ़कर करीब 33 लाख हो गई है। इस बीच उन्हें मिलने वाली विदेशी सहायता में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2002 से 2012 के बीच कुल 97,383.53 करोड़ रुपये की विदेशी सहायता भारतीय गैरसरकारी संगठनों को मिली। जहां गैरसरकारी संगठनों में विदेशी और कॉरपोरेट दानदाताओं की रुचि बढ़ी है, वहीं उनकी भूमिका...
More »कैसा हो हरदिल अजीज बजट- सुषमा रामचंद्रन
आगामी आम बजट सरकार के लिए बहुत खास है। उसकी दशा-दिशा के लिए यह बेहद मायने रखता है। वैसे तो हर आम बजट देश के वित्त मंत्री के लिए एक चुनौती होता है और सभी को खुश करना भी आसान नहीं, लेकिन अरुण जेटली के लिए एनडीए सरकार का यह तीसरा बजट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई अर्थों में सरकार का राजनीतिक भविष्य इस बजट पर निर्भर करेगा। मोदी सरकार बड़े...
More »सरकारी बैंकों में बढ़ेगी एफडीआई सीमा
नई दिल्ली। आम बजट बैंकिंग सुधार के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर न्यूनतम 51 फीसद करने की घोषणा केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है। वह बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई ) की सीमा भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। अभी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 20 फीसद है। इसे बढ़ाकर 49 फीसद तक किया जा सकता...
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