इन दिनों सतपुड़ा के जंगलों के आदिवासी आंदोलित हैं। इसकी एक झलक होशंगाबाद में जब दिखाई दी तब आदिवासियों के जोशीले नारों से यहां की गलियां गूंज उठीं। दूरदराज के गांवों से सैकड़ों की तादाद में यहां आकर आदिवासियों ने जता दिया कि शेर पालने के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर लगाई जा रही रोक उन्हें मंजूर नहीं है। इसका पूरी ताकत से विरोेध किया जाएगा। इस जुलूस का फौरी असर...
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'भूखे मरने से अच्छा है कीड़े-मकोड़े खाएं'
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने भुखमरी से निपटने के लिए कुछ नए विकल्प पेश किए हैं। ये पौष्टिक भी हैं और पर्यावरण संरक्षण में मददगार भी। हो सकता है कि ये आपके इर्द-गिर्द रेंग या उड़ रहे हों। बात कीड़े-मकोड़ों की ही हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने सोमवार को जारी एक शोध रपट में कहा है कि चीटियां, टिड्डे और अन्य कीड़े-मकोड़े ऐसे खाद्य...
More »सरकारी वादे अमल में आने से ही साफ होगी यमुना
मनोज मिश्र, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और दिल्ली की अन्य सरकारी एजंसियां अगर केवल इसी वायदे को अमल में लाए कि अब गंदगी और कचरा यमुना नदी में नहीं जाने देंगे तब वास्तव में सकारात्मक पहल हो पाएगी। ऐसा हो जाए तो एक निश्चित समय के बाद सरकारी योजना वाली यमुना एक्शन प्लान से भी यमुना को साफ करने की समय सीमा तय की जा सकेगी। जिस दिल्ली के 48...
More »छह रुपये के ‘हथियार’ से मारे जा रहे तेंदुए
तेंदुआ संकटग्रस्त वन्यजीव है। इसे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत शेड्यूल-1 में रखा गया है। यह बातें और जानकारी पढ़ने-सुनने में भले ही अच्छी लगें, मगर तस्वीर का कड़वा सच यह है कि छह रुपये का ‘हथियार’ क्लच वायर इस अति संरक्षित वन्यजीव की हत्या के लिए कारगर बन गया है। शिकारियों ने 12 फरवरी को लामाचौड़ के जंगल में भी इसी सस्ते हथियार से तेंदुए का काम तमाम किया...
More »विस्थापन का विकास- भारत डोगरा
हमारे देश में विकास के मौजूदा दौर में विस्थापन की समस्या बहुत विकट हो गई है। एक ओर पहले हुए विस्थापन से त्रस्त लोगों को अभी न्याय नहीं मिल पाया है, तो दूसरी ओर उससे भी बड़े पैमाने पर किसान और विशेषकर आदिवासी किसान नए सिरे से विस्थापित हो रहे हैं। हाल ही में जन सत्याग्रह संवाद के कार्यक्रम के अंतर्गत देश के लगभग साढ़े तीन सौ जिलों में भूमि संबंधी...
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