भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
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अन्न स्वराज- वंदना शिवा
भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
More »धान खरीद पर बोनस देने के वायदे को पूरा करें रमन : जोगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राज्य में किसानों को धान खरीद में 270 रुपये का बोनस देने की माग की है। जोगी ने शुक्रवार को यहा एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को चुनाव के दौरान की गई अपनी घोषणा के अनुरूप किसानो को धान की खरीदी पर 270 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बात याद...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
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