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बिहारः बच्चों की आबादी से अधिक नामांकन

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बिहार में सर्व शिक्षा अभियान से संबंधित कई गड़बड़ियाँ सामने आई हैं. ये रिपोर्ट साल 2012-13 की है. कुछ प्रमुख गड़बड़ियाँ- 1. आबादी से अधिक नामांकन सीतामढ़ी, खगड़िया, किशनगंज और गया ज़िले में स्कूल जाने वाले बच्चों की आबादी से अधिक बच्चों का नामांकन स्कूलों में पाया गया. इन चार ज़िलों में स्कूल जाने योग्य बच्चों की कुल संख्या 22,18,089 है लेकिन इन...

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वंचित भारत की कहानी- इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट की जुबानी

‘अतुल्य भारत' के भीतर एक वंचित भारत रहता है,दलित और आदिवासी समुदाय इसी वंचित भारत के वासी हैं। क्या इस वंचित भारत का निर्माण राज्यसत्ता के हाथों जीवन के लिए जरुरी बुनियादी सेवा-सामानों से लोगों को बेदखल करके हुआ है? जैसा कि नाम से ही जाहिर है,इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट 2013-14 का एक निष्कर्ष यह भी है! (कृपया देखें नीचे दिया गया रिपोर्ट की भूमिका की लिंक) मिसाल के लिए इन...

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बेदखली का शिकार ‘वंचित भारत’- चंदन श्रीवास्तव

सत्य अनुभव की चीज है, तथ्य आकलन की. तथ्य यह है कि भारत के भीतर एक वंचित भारत रहता है और सत्य यह कि इस वंचित भारत का निर्माण उसे जीवन जीने के लिए जरूरी बुनियादी सेवाओं-सुविधाओं से बेदखल करके हुआ है. बुनियादी सेवा-सुविधाओं से बेदखली के विराट आयोजन का ही नतीजा है कि इस मामले में देश के कुछ समुदाय शेष की तुलना में कोसों पीछे हैं. मिसाल के...

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शिशु और मातृ-मृत्यु दर की चिंता- अंजलि सिन्हा

आम चुनाव की आपाधापी के दौरान रांची के पास नामकुम की चंद्रमुनि (25 वर्ष) की इलाज के अभाव में हुई मौत सुर्खियां नहीं बन सकीं. विडंबना है कि चंद्रमुनि खुद राज्य में सहिया अर्थात् गर्भवती महिलाओं के लिए अक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट थीं, जिसने 15-20 महिलाओं की स्वास्थ्य प्रसूति में सहायता प्रदान की थी. चंद्रमुनि ने एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया था, पर उसके बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती...

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नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा

भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...

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