आदिवासी सबर समुदाय को जब तक कोई नजदीक से न देखे तब तक कभी जान नहीं सकता कि वो कैसे रहते हैं. और वहां तक पहुंचने के लिए भी ऐसे किसी इंसान से मदद लेनी पड़ेगी, जो उनकी रिहाइश के बारे में जानता है. हम किसी तरह झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में पोटका ब्लॉक के सुदूर इलाक़े की पतली पगडंडियों को पार करते हुए उनके घरों या कहें बिखरी हुई झोपड़ियों...
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छह दशकों में बदल डाली तसवीर
गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़ गुजरात के...
More »छह दशकों में बदल डाली तसवीर
गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़गुजरात के...
More »CG बोर्ड की किताब बता रही 'कमाऊ महिलाएं बढ़ा रहीं हैं बेरोजगारी की जमात'
रायपुर/नई दिल्ली। देश में बेरोजगारी की समस्या को कामकाजी महिलाएं बढ़ावा दे रही हैं। कमाऊ महिलाएं ही बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं.. ऐसा छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CGBSE) की दसवीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में लिखा हुआ है। आर्थिक समस्याओं और चुनौतियों पर किताब में लिखा गया है कि आजादी के बाद देश में बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ गया है, क्योंकि महिलाओं...
More »निरक्षर अब पंचायत के दरवाजे से बाहर-- सुभाष गताडे
भू टान, लीबिया, केन्या, नाईजीरिया और भारत इन देशों में क्या समानता है? वैसे, पहले उल्लेखित चारों देश- जहां जनतंत्र अभी ठीक से नहीं आ पाया है, कहीं राजशाही तो कहीं तानाशाही, तो कहीं जनतंत्र एवं अधिनायकवाद के बीच की यात्रा चलती रहती है- और दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र कहलानेवाले भारत की किस आधार पर तुलना की जा सकती है? पिछले दिनों आये हरियाणा विधानसभा के एक फैसले...
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