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रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने का है वक्त - संजीव कुमार

वैश्विक स्तर पर सरकारें औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन एवं खपत की दिशा में अधिक जोर दिया जा रहा है। यह ट्रेंड वैश्विक स्तर पर न केवल विकसित बल्कि विकासशील देशों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। इसका मकसद जीवाश्म ईंधन के बढ़ते इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिंग की...

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एक साल में 70 लाख लोगों की मौत ‘काल’ बना वायु प्रदूषण

दुनियाभर में बीमारियों और इनसे मरनेवालों की तादाद में हो रही वृद्धि के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से चौंकानेवाले तथ्य सामने आये हैं. संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में 70 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से हुई है. क्या हैं वायु प्रदूषण के खतरे, भारत में क्या है स्थिति और इससे कैसे निबटा जा सकता है, बता रहा है आज का नॉलेज. नयी दिल्ली...

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बेतहाशा बढ़ते शहरों में टूटती सांसें गुरुवार- एंड्रयू जैकब और इयान जॉहसन

पेरिस में कारों से निकलने वाला धुआं हो या नई दिल्ली में लकड़ी या गोबर से जलने वाला चूल्हा, वायु प्रदूषण की वजह से विश्व भर में वर्ष 2012 में 70 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन का है, जिसे बीते मंगलवार को जारी किया गया। इन मौतों में एक-तिहाई से अधिक तेजी से विकसित हो रहे एशियाई देशों में हुई, जहां हृदय और फेफड़े संबंधी...

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विश्व टीबी दिवस : 95 फीसदी टीबी विकासशील देशों में

दुनियाभर में प्रति वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस का आयोजन किया जाता है. यह मौका एक बार फिर दुनिया का ध्यान एक ऐसी बीमारी की ओर ले जाने का है, जिससे मरनेवाले 95 फीसदी लोग विकासशील देशों से हैं. इस बीमारी से ग्रसित लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं होने के चलते अभी भी सालाना तीस लाख से ज्यादा लोगों को बचा पाना एक चुनौती बनी हुई...

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चुनावी घोषणापत्रों में नजरंदाज होते बच्चे - क्षमा शर्मा

कई साल पहले दुनिया के बच्चों की स्थिति का आकलन करते हुए यूनिसेफ ने कहा था कि बच्चे वोट नहीं दे सकते, इसलिए कोई उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। अब जब आम चुनाव सामने है, तो इसे अच्छी तरह समझा जा सकता है। सारे दल दलितों, महिलाओं, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए लगभग हर रोज कुछ-न-कुछ कह रहे हैं, मगर वे बच्चों और किशोरों को भूल गए हैं।...

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