हाल के कुछ महीनों के दौरान मैंने यूरोप की संभावनाओं के बारे में कई आशावादी मूल्यांकन देखे। आश्चर्यजनक रूप से इनमें से कोई भी मूल्यांकन यह बता पाने में असमर्थ था कि यूरो संकट के हल के लिए जर्मनी ने जो फॉरमूला दिया है, उसकी सफलता की कोई संभावना है भी या नहीं। इसके विपरीत ये मूल्यांकन यूरो की विफलता की उस आशंका को ही अधिक व्यक्त करते दिख रहे...
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मंदी से बचे रहेंगे खेत और किसान
सामाजिक कार्यकर्ता अशोक भगत अपने वैचारिक आधार से ज्यादा गांवों के विकास का आधार तैयार करने के लिए जाने जाते हैं. 1983 में उन्होंने देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक गुमला के बिशुनपुर से विकास भारती नामक संस्था बना कर ग्राम विकास के काम की शुरुआत की. आज इस संस्था की राज्य के हर जिले में उपस्थिति है. विकास भारती का 30 वां साल चल रहा है. लंबी यात्र...
More »कितना सुधार पाएंगे मनमोहन- परंजय गुहा ठाकुरता
देश के एक बड़े तबके, खासकर उद्योग जगत, को यह लगने लगा है कि मनमोहन सिंह द्वारा वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आर्थिक सुधारों की गति में तेजी आएगी। अटके हुए अनेक प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि मनमोहन सिंह ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तारणहार साबित होंगे। पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। अर्थव्यवस्था और राजनीति से जुड़े सारे नीतिगत फैसले...
More »रियो+20 के लिए राष्ट्रीय व वैश्विक प्राथमिकताएं
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण विश्व के राष्ट्राध्यक्ष, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और विकास के मुद्दों से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधी 20 से 22 जून 2012 को ब्राजील की राजधानी रियो दी जेनेरियो में एकत्रित होने जा रहे हैं। इस महासम्मेलन को रियो+20 का नाम दिया है क्योंकि 20 वर्ष पूर्व (1992) भी रियो में 172 सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पर्यावरण और विकास के...
More »मुंह फेरता मॉनसून खतरे की घंटी ।। कमलेश कुमार सिंह ।।
नयी दिल्ली : वैश्विक और घरेलू मोर्चो पर आर्थिक संकट की इस घड़ी में मॉनसून से राहत की उम्मीदें थीं, लेकिन मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी इस उम्मीद पर भी पानी फेरती नजर आ रही है. मौसम विभाग, पुणे का कहना है कि देश को इस बार बीते 30 सालों के सबसे खराब मॉनसून का सामना करना पड़ सकता है. जानकार इसे अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं. कृषि...
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