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सरकार का तीसरा अग्रिम अनुमान : फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्नों का होगा रिकॉर्ड उत्पादन

नयी दिल्ली : कृषि उत्पादन के बारे में सरकार ने ताजा अनुमान जारी किया है. सरकार के अनुमानों के अनुसार, देश में चालू फसल वर्ष जुलाई-जून 2017-18 में 27 करोड़ 95.1 लाख टन अनाज का उत्पादन होगा, जो एक कीर्तिमान है. यह अनुमान पिछले साल के उत्पादन के मुकाबले 1.6 फीसदी अधिक है. पिछले साल से मॉनसून अच्छा रहा और कृषित उत्पादों के समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसान अधिक...

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कृषि अर्थशास्त्र मानसून से आगे-- देविन्दर शर्मा

सबसे पहले अच्छी खबरें। लगातार तीसरे साल मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। ‘भारतीय मौसम विज्ञान विभाग' ने यह भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में चौतरफा अच्छी बारिश होगी और पूरे मानसून सीजन में 97 फीसदी बारिश होगी।   लेकिन बात यहीं पूरी नहीं हो जाती। हमें मौसम विज्ञानियों पर भरोसा है, मगर कई स्वाभाविक कारणों से सामान्य से कम वर्षा की 44 प्रतिशत आशंकाएं भी हैं। पिछले...

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ऊर्जा जरूरतों के लिए दूरदर्शी नजरिया- जी पार्थसारथी

हमारे पश्चिमी आसपड़ोस में आज शिया-सुन्नी झगड़े के अलावा अरब-फारसी-इस्राइली प्रतिद्वंद्विता से जिस तरह की भू-राजनीतिक स्थितियां बनी हैं, उस तरह के हालातों का सामना भारत को 1973 में हुए अरब-इस्राइली युद्ध के बाद वाले लगभग चार दशकों से नहीं करना पड़ा है। तब सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब तेल निर्यातक संघ (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अरब पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) ने कनाडा, जापान, नीदरलैंड, अमेरिका और यू.के. को तेल देने पर...

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चंपारण से निकला रास्ता- राजू पांडेय

चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...

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जन-आंदोलनों का विचार-- अनुज लुगुन

साल 1930 में मार्च महीने की 12 तारीख थी. जैसे हर रोज सूरज निकलता है, वैसे ही उस दिन भी सूरज निकलनेवाला था, फिर भी उन लोगों को सूरज के उगने की प्रतीक्षा थी. यद्यपि उन्हें मालूम था कि वे सरकार के विरुद्ध कदम उठा रहे हैं और उसका परिणाम यातनामयी होगा, लेकिन सबने प्रण कर लिया था कि यदि कदम नहीं बढ़े, यदि आवाज नहीं उठी, तो उनके जीवन...

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