सागर & जिन किसानों ने सिर्फ एक फसल लेने के फेर में खरीफ सीजन में अपने खेत खाली छोड़ दिए थे और रबी फसल के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था उन्हें प्रतिकूल मौसम ने दुखी कर दिया है। रबी सीजन में खेतों में हरियाली की चादर देखकर वे उत्साह से लबरेज थे कि इस बार फसल मालामाल कर देगी तथा कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी,...
More »SEARCH RESULT
चंबल पानी बंटवारे के अंतरराज्यीय करार से मुकरा राजस्थान
मुरैना. प्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान चंबल के पानी के बंटवारे के संबंध में किए गए अंतरराज्यीय करार से मुकर गया है। राजस्थान सरकार जल बंटवारे की शर्तो को पूरा नहीं करना चाहती। राजस्थान ने अपनी मंशा को अंतरराज्यीय तकनीकी समिति की पिछली 10 अक्टूबर 2010 की वाषिर्क बैठक में स्पष्ट कर दिया था। शनिवार को राजस्थान में एक बार फिर समिति की बैठक होने जा रही है। मध्यप्रदेश का सिंचाई महकमा इस...
More »भू-माफिया का नर्मदा किनारे अतिक्रमण क्यों!
जबलपुर। आदिवासी शोषण मुक्ति संगठन डिण्डोरी के अध्यक्ष बसोरी सिंह मरावी की ओर से भेजे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि नर्मदा किनारे निर्माणाधीन पार्क के पास स्थित जमीन पर भू-माफिया अतिक्रमण करके झुग्गी झोपड़ियां बना रहे हैं। आरोप है कि पैसा दो जमीन लो का नारा लगाते हुए एक व्यक्ति के नाम पर भू-माफिया चार-चार झुग्गी-झोपड़ियां बनाकर बेचकर आदिवासियों का शोषण कर रहे हैं। आरोप यह भी है कि यदि...
More »ये भला कैसा वेदांत?- सुनीता नारायण
कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
More »उद्योगों के लिए उपजाऊ जमीन की बलि
भोपाल.प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए लगता है किसानों को ही बलि देनी होगी। उद्योगों के विकास के लिए उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण संबंधी आंकड़े तो इसी तरफ इशारा करते हैं। राज्य सरकार ने बीते कुछ सालों में ही हजारों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन अपने कब्जे में ले ली है, ताकि उसे उद्योगों के लिए दिया जा सके। प्रदेश में औद्योगिक विकास के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन को हथियाने का दुष्चक्र...
More »