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न्यूज क्लिपिंग्स् | उद्योगों के लिए उपजाऊ जमीन की बलि

उद्योगों के लिए उपजाऊ जमीन की बलि

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published Published on Oct 18, 2010   modified Modified on Oct 18, 2010
भोपाल.प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए लगता है किसानों को ही बलि देनी होगी। उद्योगों के विकास के लिए उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण संबंधी आंकड़े तो इसी तरफ इशारा करते हैं। राज्य सरकार ने बीते कुछ सालों में ही हजारों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन अपने कब्जे में ले ली है, ताकि उसे उद्योगों के लिए दिया जा सके।



प्रदेश में औद्योगिक विकास के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन को हथियाने का दुष्चक्र लंबे अर्से से रचा जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि किसान की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए। इसके बावजूद सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उपजाऊ जमीन को हथियाती जा रही है।


अगर उद्योग संचालनालय के लैंड बैंक पर नजर डाली जाए तो करीब 21 हजार हेक्टेयर भूमि ऐसी है जो अन्न उपजा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार इस जमीन पर करीब साढ़े छह लाख क्विंटल गेहूं अथवा सवा तीन लाख क्विंटल सोयाबीन पैदा हो सकता है।


विभिन्न बांध और बिजली परियोजनाएं भी किसानों की आय के एकमात्र संसाधन पर डाके डाले हुए हैं। इन योजनाओं के लिए सरकार ने एक लाख 63 हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है। भाजपा शासित प्रदेश सरकार भी कृषि भूमि के अधिग्रहण में लगातार लिप्त है, लेकिन पार्टी उसका बचाव करने के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराती है।



भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर कहते हैं कि केंद्र सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 1864 का संशोधन विधेयक लंबे समय से ठंडे बस्ते में डाले हुए है। इसी से समस्याएं पैदा हो रही हैं। ऐसा वह कारपोरेट घरानों के हित साधने के लिए कर रही है।



हम जमीन अधिग्रहण कानून के तहत ही भूमि का अधिग्रहण करते हैं। इसके लिए नियम बने हुए हैं। अमूमन हम इस बात की कोशिश करते हैं कि सरकारी जमीन ही अधिग्रहित की जाए। किसानों से हम कम ही उपजाऊ जमीन अधिग्रहित करने की कोशिश करते हैं।

- सत्यप्रकाश, अतिरिक्त मुख्य सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग


बांधों के लिए अधिग्रहीत भूमि


बांध का नाम कृषि भूमि वन भूमि


सरदार सरोवर 7883 2731


इंदिरा सागर 44741 40332


ओंकारेश्वर 3520 5277


रानी अवंतिबाई सागर 14872 8478

http://www.bhaskar.com/article/MP-BPL-sacrifice-fertile-land-for-industries-1461754.html


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