कानपुर। ग्रेटर नोएडा के भट्टा परसौल में भूमि अधिग्रहण के मसले पर किसानों के आंदोलन को देखकर अब कोयला मंत्रालय एलर्ट हो गया है। उसे भी कोयला खदानों एवं अन्य कामों के लिए किसानों एवं अन्य को विस्थापित करना पड़ता है। कोयला मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह विभाग की पुनर्वास और पुनस्र्थापन [रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट पालिसी] की नई नीति तीन माह के अंदर तैयार करें ताकि...
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पानी के लिए 5 हजार करोड़ खर्च, पानी फिर भी पाताल में : राजेश माली
भोपाल. पांच साल। 5000 करोड़ रुपए खर्च। और, परिणाम, सूखती जमीन। यही हाल है प्रदेश का, जहां बारिश के पानी को सहेजने के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन जमीन गीली होने की बजाय और सूखती जा रही है। राज्य के 313 में से 28% ब्लॉक भूजल मामले में ‘सुरक्षित’ नहीं रहे हैं। 5 साल में 42 और ब्लॉक में खतरे की घंटी बज गई है।...
More »किसान-पुलिस संघर्ष की न्यायिक जांच हो
ग्रेटर नोएडा। कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि दिल्ली के समीप स्थित एक गांव में एक्सप्रेसवे विकास परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण करने के कारण किसानों एवं पुलिस के बीच हुए हिंसक संघर्ष की न्यायिक जांच करवाई जाए। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भट्टा पारसौल गांव में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमारी मांग स्पष्ट हैं। हम चाहते हैं कि इस घटना की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई...
More »'यह वह छत्तीसगढ़ तो नहीं जिससे मुझे इतना गहरा लगाव रहा है'-- इलिना सेन
- इलिना सेन (सामाजिक कार्यकर्ता और डॉ बिनायक सेन की पत्नी ) आज, एक तरफ मैं बहुत खुश हूं और राहत की सांस ले रही हूं कि इस कठिन परीक्षा का यह हिस्सा लगभग समाप्त हो गया है. वहीं दूसरी ओर मैं बहुत बेचैन भी हूं- हमने देखा है कि राज्य का व्यवहार कितना शत्रुतापूर्ण रहा है. लेकिन हमने जिस तरह का जीवन बिताया है, न तो उसके बारे में कोई...
More »असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
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