SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 5902

प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना होगा-- डा. शैबाल गुप्ता

किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के लिए केंद्र सरकार के तंत्र के अभाव में शराबबंदी लागू करना अत्यंत कठिन कार्य है. मद्य निषेध को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से उसको अमल में लाना आसान हो जाता है, क्योंकि उसका तरीका भिन्न होता है. राज्य स्तर पर इसके लिए सिर्फ राज्य की कमजोर मशीनरी के जरिये ही नहीं निपटना होता है, बल्कि वैसे पड़ोसी राज्यों की सीमाओं से भी निपटना...

More »

जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह

ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...

More »

इस वर्ष तीसरी तिमाही के दौरान स्टार्टअप्स में कम हुआ निवेश

केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से देशभर में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा अनेक उद्यमी अपने-अपने स्तरों पर स्टार्टअप्स को विस्तार देने के लिए विविध स्रोतों से निवेश हासिल कर रहे हैं.  हालांकि, स्टार्टअप्स द्वारा मुहैया करायी जानेवाले सेवाओं और प्रोडक्ट की ओर लोगों के रुझान में भी दिनों-दिन वृद्धि होती दिख रही है. लेकिन, ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि स्टार्टअप्स को हासिल होनेवाले...

More »

IMF के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, भारत उम्मीद की किरण, पर एनपीए चुनौती

नयी दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने आज आर्थिक ताकतों के जटिल जोड़ के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण बताया. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रगति के बावजूद सरकारी बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) चुनौती है. मौरिस ने बु्रकिंग्स इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘आर्थिक ताकतों का जटिल जोड लगातार सुस्त आर्थिक वृद्धि के परिदृश्य को आकार दे...

More »

देश में बेरोजगारी की विकट चुनौती - संजय गुप्‍त

पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इंडिया चैप्टर के सम्मेलन में एक अहम बात यह निकलकर सामने आई कि अब भी भारतीय उद्योगपति नए निवेश से कतरा रहे हैं। यह स्थिति निराश करने वाली है, क्योंकि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था सुधारने और कारोबारी माहौल बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास किए हैं। यह चिंता का विषय बनना चाहिए कि कारोबार में सहूलियत के लिए किए गए तमाम...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close