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मनरेगा : काम मांगने के बावजूद 97 लाख परिवारों को नहीं मिला रोजगार, 100 दिन पूरे करने वाले अब तक सिर्फ 19 लाख परिवार

-गांव कनेक्शन,  दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार की गारंटी देने वाली योजना मनरेगा में अब तक का रिकॉर्ड बजट दिए जाने के बावजूद 97 लाख परिवारों को काम नहीं मिल सका। कोरोना महामारी से उपजे बेरोजगारी के संकट के दौर में इन सभी परिवारों ने मनरेगा में रोजगार के लिए काम की मांग की थी। इतना ही नहीं, इस साल मनरेगा में रोजगार पाने को लेकर जॉब कार्ड के लिए आवेदन...

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जरूरत से ज्यादा लोकतंत्र होने का भ्रम: बिना राजनीतिक आज़ादी के कोई आर्थिक आज़ादी टिक नहीं सकती

-द प्रिंट, अब यह बहस बेमानी है कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने जो यह कहा कि ‘हमारे यहां लोकतंत्र कुछ ज्यादा ही है’ उसका क्या मतलब है. आप उन लोगों के साथ भी जा सकते हैं जो इस बयान से नाराज हैं और इसे सीमित लोकतंत्र की मोदी सरकार की अवधारणा का एक बेबाक नौकरशाह के मुंह से किया गया खुलासा मानते हैं. या आप इस बृहस्पतिवार को ‘इंडियन...

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कोरोना वायरसः कितने गंभीर हैं मौजूदा हालात?

-बीबीसी,  रविवार को भारत में कोविड-19 संक्रमण के 44,413 नए मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही इस वायरस से मरने वालों की संख्या 511 रही. बीते पाँच दिनों में पहली बार संक्रमितों की संख्या 45 हज़ार से कम रही है. रविवार को देश में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 91 लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं. साथ ही इस महामारी से मरने वालों की तादाद 1.34 लाख...

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सेविंग्स, प्रोफिट और स्टॉक्स ज्यादा समय तक नहीं चढ़ सकते, उम्मीद की जानी चाहिए कि बदलाव की रफ्तार धीमी होगी

-द प्रिंट, जब लोगों की आमदनी घटती जा रही है, कंपनियों का कारोबार सिकुड़ रहा है, तब आप यही उम्मीद कर रहे होंगे कि घरेलू बचत और कॉर्पोरेट मुनाफे में भी गिरावट आ गई होगी. आपकी यह उम्मीद गलत है. हकीकत यह है कि आम तौर पर जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर रहने वाली घरेलू वित्तीय बचत ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में इसके दोगुने से ज्यादा...

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पहली बार देश मंदी में, दूसरी तिमाही में जीडीपी 8.6 प्रतिशत गिरने का अनुमान: आरबीआई

-द वायर, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटने का अनुमान है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है. दरअसल, अर्थशास्त्र में जब लगातार दो या अधिक तिमाहियों में जीडीपी की वृद्धि दर निगेटिव में आ जाती...

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