देश में बिजली और मांग के बीच का अंतर 3.6 फीसदी देखने में भले ही कम लगता हो, लेकिन इसे पूरा करने की राह इतनी आसान भी नहीं है। यह अंतर तब है, जब इस साल बिजली उत्पादन 8.4 फीसदी बढ़ा है। देश के कई हिस्सों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति आज भी एक सपना है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एनडीए सरकार ने...
More »SEARCH RESULT
कृषि क्षेत्र की लगातार उपेक्षा- पवन के वर्मा
सरकार की आर्थिक दृष्टि औद्योगिक गलियारों, राजमार्गों, बुलेट ट्रेनों और स्मार्ट शहरों तक ही सीमित है. भारत को इनकी जरूरत है, लेकिन सरकार एकतरफा ढंग से उस भारत को छोड़ इन लक्ष्यों के पीछे नहीं भाग सकती है जहां आत्महत्याओं की संख्या और लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ रही हैं. भाजपा को याद करना चाहिए कि सर्वाधिक 18,241 आत्महत्याएं 2004 में हुई थीं, जब पार्टी ‘शाइनिंग इंडिया' की बात करती...
More »क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
More »आपदा से निपटने की हो पुख्ता तैयारी - प्रो. संतोष कुमार
लगभग आधे भारत के साथ-साथ हिमालयी राष्ट्र नेपाल और उसके आसपास के देशों में आए भूकंप ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। इस क्षेत्र में भूकंप की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन इस बार भूकंप रिक्टर स्केल पर 7.9 प्रतिशत की तीव्रता लेकर आएगा, इसकी किसी ने शायद ही कल्पना की हो। यह एक बड़े खतरे का संकेत भी है। पूरे हिमालयी क्षेत्र में भूकंपों का...
More »मुसीबतों के फंदे में उलझा किसान - संजय गुप्त
बीते बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की जिस ढंग से मौत हुई, उसने न केवल लोगों को झकझोरा, बल्कि दशकों पुरानी किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सतह पर ला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप" के अन्य बड़े नेताओं की उपस्थिति में गजेंद्र पहले एक पेड़ पर चढ़े और फिर उन्होंने अपने गले में...
More »