कोच्चि। पिछली सरकार द्वारा अपनाई गई शराब नीति को बरकरार रखते हुए केरल उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि शराब की खपत मौलिक अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में एक रिट याचिका पर यह फैसला दिया है। अनूप एमएस ने शराब की नीति को चुनौती देते हुए इस याचिका को दायर किया था। इसके लिए उन्होंने आधार दिया था कि आबकारी अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान...
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प्रदूषण के लिए सरकार जिम्मेवार-- डा. भरत झुनझुनवाला
देश के तमाम शहरों में वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. लोग बीमार हो रहे हैं, परंतु सरकार निष्क्रिय है. सरकार के इस कृत्य को समझने के लिए प्रदूषण का गरीब तथा अमीर पर अलग-अलग प्रभाव को समझना होगा. अर्थशास्त्र में दो तरह के माल बताये जाते है- व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक. व्यक्तिगत माल वे हुए, जिन्हें व्यक्ति अपने स्तर पर बाजार से खरीद सकता है जैसे चाय...
More »SC ने सोशल मीडिया साइट पर प्राइवेसी को लेकर सरकार से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने व्हाटसऐप और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये निजी संवाद का व्यावसायिक शोषण को नियंत्रित करने के लिये प्राइवेसी की पॉलिसी बनाने के लिए दायर याचिका पर सरकार और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से सोमवार को जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने व्हाटसऐप और फेसबुक को भी नोटिस जारी किये हैं। इन सभी को दो सप्ताह के...
More »नए संकट ज्यादा गंभीर हैं -- हिमांशु
पिछले साल की आखिरी शाम को दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश उन ऊंचाइयों तक पहुंचने में नाकाम रहा, जिसका प्रचार किया गया था। लोग बीते 50 दिनों से कठिनाइयों का डटकर सामना कर रहे थे। इन दिनों वे कतारों में लगे रहे और अपनी खरीदारी भी कम की। मुश्किलों से राहत मिलने की उम्मीद वे मोदी के भाषण से लगा रहे थे। उन्हें यह भी...
More »कम क्यों है भ्रष्टाचार की शिकायतें ?
रोजमर्रा के शासन-प्रशासन में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत बहुत कम ! इस विरोधाभास की व्य़ाख्या कैसे हो ? क्या भ्रष्टाचार रोकने के कानूनों पर अमल इतना लचर है कि लोगों को इंसाफ मिलने का भरोसा ही नहीं होता ?हाल के एक अध्ययन के तथ्य इसी आशंका की पुष्टी करते हैं.(देखें नीचे की लिंक)दिल्ली स्थित मानवाधिकार संगठन कॉमनवेल्थ ह्युमन राइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक आकलन के मुताबिक बीते पंद्रह...
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