जनसत्ता 31 मई, 2012: इसे ‘केला गणतंत्र’ कहें तो कई लोगों को आपत्ति हो सकती है। लेकिन दिशाहीन राजनीति और डोलती अर्थव्यवस्था के लिए ‘बनाना रिपब्लिक’ जैसे शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अमेरिकी लेखक ओ हेनरी ने 1904 में अपनी पुस्तक ‘कैबेज एंड किंग्स’ में किया था। ओ हेनरी 1896-97 में बैंक घोटाले के एक मामले में अमेरिका से गायब हो गए थे, और होंडुरास में शरण ली थी। उस दौरान मध्य अमेरिकी...
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फूटा महंगाई बम,डीजल 5 रूपये महंगा
हर वस्तुओं के दाम पर असर डीजल में मूल्यवृद्धि के परिणामस्वरूप रांची में ग्राहकों को जहां अभी 43.18 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ते थे, वहीं अब 48.18 रुपये चुकाने होंगे. वहीं बाजार दर पर रसोई गैस की कीमतें लगभग 750 रुपये हो जायेगी. पेट्रोलियम कंपनियां प्रति माह रसोई गैस की कीमतों का निर्धारण करेगी. इस मूल्यवृद्धि से कृषि लागत सहित सभी प्रकार के वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो जायेगा. साथ ही...
More »बात आदर्श विधायिका की- ।।हरिवंश।।
टाइम ’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छपे लेख ‘द अंडरएचीवर ’ पर पूरी भारतीय राजनीति में तीखी बहस हुई. पर इसी लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी हैं. भारतीय संसद पर. दरअसल, भारतीय राजनीति में संवेदना, चरित्र और सिद्धांत शीर्ष होते, तो बवाल या बवंडर इस अंश पर होना चाहिए था. यह टिप्पणी सब पर है, पक्ष-विपक्ष समेत पूरी राजनीति पर. संसद कितना कामकाज करती है? गुजरे सत्र में सिर्फ...
More »चिदंबरम के बयान से बवाल
बैंगलोर : आज गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बैंगलोर में एक विवादित बयान दिया है. चिदंबरम ने अपने बयान में कहा है कि लोग 15 से 20 रू का पानी खरीद कर पी सकते है या आईसक्रीम खा सकते हैं मगर 1 रू चावल या गेंहू के दाम बढते है तो लोग बवाल मचाने लगते हैं. बीजेपी ने चिदंबरम के इस बयान का खंडन करते हुये कहा है कि चिदंबरम गरीबों का मजाक...
More »महँगाई के कारण बैंक दर घटाना कठिनः रंगराजन
भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन ने कहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के लिए मुद्रास्फ़ीति की स्थिति को देखते हुए अभी बैंक दरों में कटौती करना मुश्किल हो सकता है. इससे जुड़ी ख़बरें उन्होंने दिल्ली में एक आयोजन स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि यदि मुद्रास्फ़ीति, और ख़ासतौर पर ग़ैर-खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फ़ीति घटती है, तो रिज़र्व बैंक कुछ आसान...
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