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हिंसा की संस्कृति पर लगे रोक-- प्रो. उज्ज्वल के चौधरी

लिंचिंग यानी बेकाबू भीड़ के हाथों लोगों की हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि यह एक सार्वजनिक अपराध है पर सरकार मौन है. इसकी एक बानगी इसी बात से मिल जाती है कि इसे अभी तक आइपीसी के तहत एक अलग अपराध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. इसलिए, इसके बारे में सारी जानकारी मीडिया में आयी खबरों और विभिन्न रिपोर्टों में दिये तथ्यों पर आधारित...

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कानून से ही नहीं रुकेगी क्रूर कायरता-- विभूति नारायण राय

राम मनोहर लोहिया ने भारतीय भीड़ के व्यवहार के लिए एक बड़े मौजूं शब्द का इस्तेमाल किया है- क्रूर कायरता। औसत भारतीय जब भीड़ का अंग होता है, तो उसका व्यवहार एक खास तरह की क्रूरता से भरपूर होता है, जो कई मौकों पर तो बर्बरता की हदें पार कर जाती है। भीड़ किसी जेबकतरे को बस से उतारकर पीट-पीट कर मार डालती है। कभी कोई नकबजन हत्थे चढ़ जाए,...

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सूखे में हो रही बारिश-- कुमार प्रशांत

किसान खुशहाल हो गये! अब किसान नेता अपने-अपने अांदोलन वापस ले लें. सूखे के अांकड़ों की ऐसी बारिश हुई है कि धरती अाप्लावित हो गयी है. प्रधानमंत्री ने कबीर-भूमि पर जाकर शताब्दियों का ऐसा कॉकटेल बनाया कि इतिहास अौर इतिहासकार सभी चारों खाने चित हो गये.   उन्होंने ‘मेरे किसान भाइयों' की तरफ नजर घुमायी अौर एक ऐसी लकीर खींच दी कि किसान इधर अौर समस्याएं उधर रह गयीं. किसानों को...

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चीन-अमेरिका में छिड़े ट्रेड वॉर से एमपी के सोयाबीन किसानों को होगा फायदा

नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर चल रही तनातनी का फायदा मध्यप्रदेश और राजस्थान के सोयाबीन पैदा करने वाले किसानों को मिल सकता है। इसकी वाजिब वजह भी है, चीन दुनिया में सोयाबीन का सबसे बड़ा आयातक देश है। 2016-17 ( सितंबर-अक्टूबर) में चीन ने 93.49 मिलियन टन ये तिलहन खरीदा। चीन को सोयाबीन सप्लाय करने वाले देशों में अमेरिका( 36.84 मिलियन टन), ब्राजील( 45.34 मिलियन टन)...

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नई जमीन तलाशती राजनीति-- बद्रीनारायण

चुनावी राजनीति में कई बार छोटी दिखने वाली राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक शक्ति महत्वपूर्ण हो उठती है। लोकतांत्रिक संयोग उसे सहसा महत्वपूर्ण बना देता है। कुछ सप्ताह पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव का पूरा विमर्श दो दलों- कांगे्रस और भाजपा पर केंद्रित था। चुनाव के बाद उपजी स्थितियों के कारण सहसा जनता दल (सेकुलर), जो तीसरे नंबर की पार्टी थी, महत्वपूर्ण हो उठी। इस घटना का दूसरा महत्वपूर्ण निहितार्थ राष्ट्रीय स्तर...

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