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काली की मेहनत से बंजर में छायी हरियाली- शिकोह अलबदर

रांची से पलामू जाने वाले एनएच - 75 पर  ब्रांबे से उेढ़-दो किमी बायीं ओर लगभग छह-सात एकड़ भूमि में हरी-भरी सब्जियां की फसल, फूल और फल आपको हर मौसम में दिख जायेंगे. बरबस आपका ध्यान यह दृश्य अपनी ओर आकर्षित कर लेगा. इन खेतों में आपको तमाम तरह के मौसमी सब्जियां मिल जायेंगी. ये जमीन कई वर्ष तक बंजर पड़ी रही थीं. लेकिन एक इनसान की मेहनत और लगन...

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चाय के लिए 5, मिड डे मील को 3.51

जमशेदपुर: स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकने के लिए मिड डे मील योजना धरातल पर उतारी गयी. योजना के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी, लेकिन बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता का अंदाजा महज इससे लगाया जा सकता है कि हर दिन पांचवीं तक के एक बच्चे के लिए 3 रुपये 51 पैसे और छठी से आठवीं तक के एक बच्चे के लिए सरकार 5 रुपये 25 पैसे देती है....

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जो खेती करे, वह किसान: नीतीश

नौबतपुर: केवल वही किसान नहीं हैं, जिनके पास जमीन है, बल्कि खेती से जुड़ा हर व्यक्ति किसान है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय कर रही है. तभी बिहार तरक्की करेगा. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री संस्कृति एवं किसान गौरव अभियान और खरीफ 2014 एवं हरी चादर कार्यक्रम का श्रीगणोश करते हुए कहीं. बिजली के लिए अलग फीडर : उन्होंने कहा कि धान की उपज में बिहार ने...

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जैविक खेती के प्रति बढ़ा रुझान अब सर्टिफिकेशन का इंतजार

रांची से तकरीबन 40 किमी दूर कुच्चू पंचायत के डिमरा गांव के सोहराय बेदिया इस बार 10 एकड़ जमीन पर सेम की खेती कर रहे हैं. उनके खेतों में सेम की लताएं फलियों से भरी हैं. यह अपने आप में अजीब नजारा है कि जब उनके आसपास के तमाम खेत परती पड़े हैं, पानी के अभाव में कोई किसान खेती करने के लिए तैयार नहीं है. उनके खेत लहलहा रहे हैं. वे...

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विषमता का विकास- सुषमा वर्मा

जनसत्ता 17 फरवरी, 2014 : विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में यह रहस्योद्घाटन  किया कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले पंद्रह बरस में बढ़ कर बारह गुना हो गई है। क्रिस्टीना के अनुसार, इन मुट्ठी भर अमीरों के पास इतना पैसा है जिससे पूरे देश की गरीबी को एक नहीं, दो बार मिटाया जा सकता है। लेगार्ड के इस बयान से पुष्टि होती है...

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