नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा का प्रश्न बने खाद्य सुरक्षा विधेयक के पूरे कागजात तक अभी तैयार नहीं है। इसीलिए, वादे के बावजूद मंगलवार को यह विधेयक संसद में पेश नहीं किया जा सका। अब खाद्य मंत्रालय में अधिकारी दिन-रात कागजात पूरे करने में जुटे हैं, ताकि बुधवार को इसे सदन में पेश किया जा सके। कांग्रेसी नेता एक ओर तो खूबियां गिनाते हुए...
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जब भूख लगती है शहर को..
गरीबी पर योजना आयोग के ताजा आंकड़ों ने थाली की कीमत को बहस के केंद्र में ला दिया है. देशभर में चल रही इस गरमागरम बहस के बीच हमने खोज की उस थाली की जिसे किसी शहर की भूख मिटाने वाला कहा जा सकता है. प्रचलित अर्थो में इस थाली को भले ही दोपहर का खाना न कहा जाये, लेकिन आज ये किसी शहर की पहचान से जुड़ गयी हैं....
More »जीवन के आखिरी पड़ाव में टूटने लगी है बुजुर्गों की आस, 80 की उम्र में कर रहे संघर्ष
हमीरपुर. बेशक घनाल कलां गांव के कई बुजुर्गों की उम्र 80 साल हो गई है, लेकिन अपनी जमीन के कागजों को लेने के लिए उन्हें नौ किलोमीटर दौडऩा पड़ रहा है। पिछले 8 सालों से वे अपने घर के पास सिर्फ एक पटवारखाने की आस में कई किलोमीटर का सफर कर चुके हैं। मगर अब जीवन के आखिरी पड़ाव में इन बुजुर्गों...
More »बरसात का पानी नहीं, यहां शासन की लापरवाही से फसलें हो रही बर्बाद
नागपुर। पेंच से शहर में आ रही मनपा की पाइपलाइन ने खेतों में कहर बरपा दिया है। पाइपलाइन की वजह से बारिश का पानी जमा होने से खेतों में तालाब बन गया है। इससे फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारी है। नुकसान को देखते हुए किसानों ने मनपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पाइपलाइन दूसरी ओर स्थानांतरित करने की मांग...
More »लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
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