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श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में खुलेगा औषधालय

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में औषधालय खोलने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मेहनतकश मजदूरों को बेहतर और नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए छत्तीसगढ़ में सात नए श्रमिक बहुल क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। इन क्षेत्रों में रायपुर जिले के बैकुण्ठ-तिल्दा, भाटापारा, बलौदाबाजार और मंदिरहसौद, धमतरी जिले का धमतरी, दुर्ग जिले का नगर निगम क्षेत्र...

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सहकारी बैंक की हालत हुई खस्ता

जगदलपुर. किसानों का आर्थिक स्तर बढ़ाने तथा खेती-किसानों के कामों में बढ़ोतरी के चलते ट्रेक्टर-ट्राली का ऋण 378 किसानों का स्वीकृत किया गया था। सहकारी कृषि एवं विकास बैंक को इन किसानों से 670 लाख रुपए वसूलना है। 378 में से 227 किसान डिफाल्टर हो चुके हैं। जिन पर 5 करोड़ की राशि बकाया है। सर्वाधिक दयनीय स्थिति दक्षिण बस्तर के ब्रांचों की है। दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर शाखा को किसान ढूंढने से नहीं मिल रहे...

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क्रेडिट कार्ड लेने में किसानों का छूट रहा पसीना

पटना सरकार के लाख प्रयास के बावजूद किसानों को क्रेडिट कार्ड लेने में आजकल पसीना छूट जा रहा है। किसान बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। बैंकर किसानों को दौड़ाने के बाद भी क्रेडिट कार्ड देने को तैयार नहीं हैं। क्रेडिट कार्ड के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अनिवार्य है, जिसे प्राप्त करना किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या है। क्रेडिट कार्ड के लिए एक तरफ किसान बैंकरों को जिम्मेदार...

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बाजार से चिल्हर गायब, बैंकों से हो रही कम सप्लाई

रायपुर. चार रुपए का सामान हो या सत्रह का लोगों को चिल्हर पैसे वापस नहीं हो रहे हैं। व्यापारियों की मानें तो बैकों से चिल्हर की सप्लाई नहीं हो रही है इस वजह से बाजार में चिल्हर की कमी हो गई है। चिल्हर न मिलने से लोगों को मन मारकर उतने पैसे का सामान लेना होता है या चॉकलेट, गुटखा आदि से काम चलाना पड़ता है। इससे सर्वाधिक फायदा दुकानदारों को ही हो रहा...

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सहकारी बैंक की हालत हुई खस्ता

जगदलपुर. किसानों का आर्थिक स्तर बढ़ाने तथा खेती-किसानों के कामों में बढ़ोतरी के चलते ट्रेक्टर-ट्राली का ऋण 378 किसानों का स्वीकृत किया गया था। सहकारी कृषि एवं विकास बैंक को इन किसानों से 670 लाख रुपए वसूलना है। 378 में से 227 किसान डिफाल्टर हो चुके हैं। जिन पर 5 करोड़ की राशि बकाया है। सर्वाधिक दयनीय स्थिति दक्षिण बस्तर के ब्रांचों की है। दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर शाखा को किसान ढूंढने से नहीं मिल रहे...

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