उत्तराखंड में आयी विभीषिका में विद्युत परियोजनाओं की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. केदारनाथ में मंदाकिनी नदी बहती है. फाटा व्यूंग और सिंगोली भटवाड़ी नाम से केदारनाथ के नीचे इस नदी पर दो विद्युत परियोजनाएं बन रही हैं. प्रत्येक में 15-20 किमी की सुरंगें पहाड़ में खोदी जा रही हैं. इन सुरंगों को बनाने में भारी मात्र में डायनामाइट का प्रयोग किया गया है. इनके धमाकों से पहाड़ दरक...
More »SEARCH RESULT
भोजन के वादे की हकीकत ।। देविंदर शर्मा ।।
खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...
More »नौकरशाही ने तबाह कर दी उत्तराखंड में उच्च शिक्षा
अनिल बंसल, नई दिल्ली। उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा के मामले में भले अंग्रेजी राज से ही देश भर में धाक रही हो। लेकिन उच्च शिक्षा के मामले में सूबे के हाल बेहाल हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता छीनने से लेकर शिक्षकों के पदों को मंजूरी नहीं देने पर आमादा नौकरशाह निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रहे हैं। एक निजी विश्वविद्यालय की मंजूरी में पांच-छह करोड़ की घूसखोरी आम बात है।...
More »सस्ती बिजली की विभीषिका- डा भरत झुनझुनवाला
उत्तराखंड में आयी आपदा प्रत्यक्ष रूप से प्राकृतिक है, लेकिन जल विद्युत परियोजनाओं ने बादल फटने की इस सामान्य घटना को विभीषिका में तब्दील कर दिया है. केदारनाथ के नीचे फाटा व्यूंग और सिंगोली भटवाड़ी विद्युत परियोजनाएं बनायी जा रही हैं. प्रत्येक में करीब 20 किलोमीटर लंबी सुरंग पहाड़ में खोदी जा रही है. सुरंग खोदने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटों का प्रयोग हो रहा है. इन विस्फोटों से...
More »2015 तक दुनिया से 50 फीसदी भुखमरी खत्म करने का लक्ष्य
संयुक्त राष्ट्र ने सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों पर रिपोर्ट 2013 में जताई उम्मीद रिपोर्ट दुनियाभर में भुखमरी से पीडि़त लोगों की संख्या का आंकड़ा अब भी 87 करोड़ है विकासशील देशों में दक्षिण-पूर्वी एशिया तय समय से पहले हासिल करेगा लक्ष्य कैरेबिया, दक्षिण एशिया, सहारा उपमहाद्वीप आदि क्षेत्र लक्ष्य से पिछड़ रहे हैं वर्ष 2000 में संयुक्त राष्ट्र में दुनियाभर के नेताओं ने तय किए थे मिलेनियम...
More »