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भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन

भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...

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महंगाई के खिलाफ खोखली पहल

नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...

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‘मेरे पास कोई बटन नहीं है जिसे दबाकर चीजें तुरंत बदल दूं’- नीतीश कुमार

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन लगता नहीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस चुनौती की ज्यादा फिक्र है. विजय सिम्हा से बातचीत में नीतीश बता रहे हैं कि उनकी सरकार तीन सबसे प्रमुख मुद्दों- निवेश, शिक्षा और भूख पर कैसे आगे बढ़ने वाली है और क्यों उन्हें इस मामले में केंद्र से मदद मिलने की उम्मीद नहीं है. (तहलका हिन्दी से साभार) बिहार में भूख अभी भी एक समस्या है, लेकिन इसे...

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धरती कहे पुकार के

ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...

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शहरों के बढ़ने से सामाजिक तनाव की आशंका- यूएन रिपोर्ट

शहरी आबादी के तेज विस्तार से दुनिया के कई बड़े शहरों में सामाजिक तनाव की स्थितियां पैदा हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा जारी मानव बसाहट से संबंधित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित मानव बस्तियों (यानी झुग्गी-झोपड़ी)  के अस्त-व्यस्त हालात शहरों में व्यापक स्तर पर हिंसा और अराजकता की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। प्लानिंग सस्टेनेबल सिटीज-ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ह्यूमन सेटेलमेंट-2009 नामक इस रिपोर्ट में कहा...

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