कुछ साल पहले एक बुजुर्ग मुझे गाना सिखाने के लिए हर सुबह मेरे घर आया करते थे. वे भले व्यक्ति थे और यह काम दशकों से करते आ रहे थे. चूंकि हमारी मुलाकात नियमित रूप से हुआ करती थी, हम गाने की शिक्षा से पहले और बाद में उनसे कई सारे विषयों पर बात भी करते थे. उनमें जितनी गहरी लगन अपने संगीत को लेकर थी, उतनी ही गंभीरता से...
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भाकपा माओवादी से नाता तोड़ जनकल्याण में जुटा है चिलगू
अपने देश में रत्नाकर और अंगुलीमाल डाकू के बारे में कौन नहीं जानता. इनका हृदय परिवर्तन हुआ, तो साधु बन गये. चंद्रशेखर उरांव उर्फ चिलगू का भी हृदय परिवर्तन हुआ. वह खूंखार उग्रवादी से समाजसेवी बन गया. आज गुमला के भरनो प्रखंड का जिला परिषद सदस्य है. सात साल तक आतंक का पर्याय रहे इस शख्स ने युवाओं को मुख्यधारा से न भटकने देने का संकल्प लिया है. अंकित/सुनील भरनो...
More »वंचित रह जाते हैं 95% किसान, बंद करें धान खरीद-- पुष्यमित्र
आरा : करथ पंचायत भोजपुर जिले के तरारी ब्लॉक में स्थित है और इस इलाके को धान का कटोरा माना जाता है. यहां किसान एक एकड़ में 25 से 30 क्विंटल तक धान उपजा लेते हैं. पिछले खरीफ में भी धान की अच्छी पैदावार हुई. मगर तकरीबन 1500 किसानों के इस पंचायत में सिर्फ 66 किसान अपनी उपज पैक्सों को बेच पाये. यहां यह भी जानना रोचक होगा कि करथ...
More »मजदूर होने का मतलब- डा अनुज लुगुन
अभी कुछ दिन पहले ही कोलकाता में ओवरब्रिज के गिरने से 22 लोगों के मरने की खबर आयी थी. मरनेवालों में ज्यादातर मजदूर थे. इनमें से एक उत्तर प्रदेश निवासी शंकर पासवान भी था, जो मोटिया का काम करता था. वह होली में अपने घर इसलिए नहीं गया, ताकि वह कुछ दिन और काम करके बेटी की शादी के लिए कुछ पैसे जमा कर सके. यह हमारे देश के मजदूरों...
More »सफल नहीं होती शराबबंदी-- आकार पटेल
मशहूर समाजशास्त्री एमएन श्रीनिवास ने कहा था कि गौहत्या पर प्रतिबंध की तरह ही शराबबंदी भी एक सांस्कृतिक कार्य है. श्रीनिवास के मुताबिक, इन प्रतिबंधों के लिए जो भी औचित्य गिनाये जायें, लेकिन हकीकत में इसके पीछे ब्राह्मणवादी और सवर्णवादी सोच है. हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि हमारे संविधान निर्माताओं ने एक ही दिन 24 नवंबर, 1948 को इन दोनों मुद्दों पर बहस की थी. मैं यहां यह तथ्य...
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