सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...
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जेटली ने कहा, 10 फीसदी की विकास दर असंभव नहीं
वाशिंगटन : वित्त मंत्री अरुण जेटली को 10 फीसदी विकास दर होने की संभावना है. उन्होंने भरोसा जताया है कि सरकार की ओर किए जा रहे आर्थिक सुधारों, नीतिगत बदलावों, बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढाने से फायदा होगा साथ ही संभावित अच्छे मानसून के साथ 10 फीसदी की विकास दर असंभव नहीं है. अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नौ दिनों की यात्रा पर पहुंचे...
More »जीएसटी : एक अहम सुधार में हो रही गड़बड़ी - जयराम रमेश
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर संबंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा की स्थायी समिति को सौंप दिया गया है। जीएसटी वास्तव में अप्रत्यक्ष कराधान की संरचना में बेहद अहम सुधार वाला कदम है और यह समेकित राष्ट्रीय आम बाजार की रचना में मदद करेगा। इससे उपभोक्ताओं को कम कीमत में सामान मिल सकते हैं। उद्योग और व्यापार के लिए निश्चित रूप से यह ज्यादा...
More »गुजरात मॉडल का राष्ट्रीय हो जाना- रामचंद्र गुहा
पिछले आम चुनाव के प्रचार में नरेंद्र मोदी ने बार-बार ‘गुजरात मॉडल' का जिक्र किया और वादा किया कि भाजपा सत्ता में आई, तो यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। पार्टी चुनाव जीत गई और मोदी ने अपना वादा निभाया। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने प्रशासनिक चुस्ती और व्यापार करने की आसानी बढ़ाने के लिए कई काम किए। जब वह प्रधानमंत्री बन गए, तब भी उन्होंने...
More »एक गलत शैली का राजकाज - जयराम रमेश
बहुत जल्दी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में एक साल का समय पूरा कर लेंगे। नि:संदेह वे और उनके साथी सरकार के इस कालखंड को मील के पत्थर के तौर पर प्रचारित करेंगे और अपनी उपलब्धियों का गुणगान करेंगे। वहीं आलोचना में इस बात को इंगित किया जाएगा कि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए। बहुत बड़ी-बड़ी बातें की गईं, जिन पर बाद में सरकार ने यू-टर्न ले लिया। जीएसटी...
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