देश के एक बड़े तबके, खासकर उद्योग जगत, को यह लगने लगा है कि मनमोहन सिंह द्वारा वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आर्थिक सुधारों की गति में तेजी आएगी। अटके हुए अनेक प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि मनमोहन सिंह ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तारणहार साबित होंगे। पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। अर्थव्यवस्था और राजनीति से जुड़े सारे नीतिगत फैसले...
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महंगाई दर में इजाफा, महंगी हुई खाने-पीने की चीजें
देश में लगातार बढ़ती महंगाई से आम लोगों को अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मई में महंगाई दर बढ़कर 7.55 फीसदी हो गई है। इससे पहले वाले महीने में ये आंकड़ा 7.23 फीसदी रही थी। वहीं मई 2011 में महंगाई दर 9.1 फीसदी के स्तर पर थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य पदार्र्थो की महंगाई दर भी इस अवधि में 10.74 फीसदी हो गई है, जो कि पहले 10.49...
More »जेब पर पड़ रहा बोझ, दो माह में 25 फीसदी महंगाई बढ़ी
रायपुर. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बाजार में खाद्य पदार्थो के दाम लगातार बढ़ रहे है। दो महीने में इनके दाम 25 फीसदी तक बढ़ गए हैं। चावल, दाल, तेल के दाम तो बढ़े ही, सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। व्यापारियों की मानें तो आने वाले दिनों में दाम और बढ़ने की संभावना है। खाद्य तेल व्यापारी प्रशांत धाड़ीवाल का कहना है कि सोयाबीन शिकागो से,...
More »सबसिडी घटाने की फितरत- सी पी चंद्रशेखर
अपने बजट भाषण के जरिये, जो बोर होने की सीमा तक उबाऊ था और जिसमें जताने से ज्यादा छिपाने की कला थी, वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति के और ऊपर जाने का रास्ता खोल दिया है। अप्रत्यक्ष कर बढ़ाकर, जिसका बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ना है, और सबसिडी को कम कर, जिससे पेट्रो उत्पाद व उर्वरक महंगे होंगे, उन्होंने मूल्यवृद्धि का बोझ सह रहे इस देश को महंगाई की एक और किस्त...
More »सुधारों को नहीं मिली तेज धार ।।सुरजीत एस भल्ला।।
यूपीए सरकार की दूसरी पारी शुरू होने के कुछ महीने बाद ही लेहमैन ब्रदर्स और एआइजी जैसे बड़े नामों को ढहने के साथ ही वैश्विक आर्थिक मंदी की शुरुआत हो गयी थी. यूरोप की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और अमेरिका आर्थिक मंदी के भंवर से आज तक नहीं निकल पाये हैं, वहीं भारत मंदी के बाद भी आठ फ़ीसदी की विकास दर बरकरार रखने में कामयाब रहा था. यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के कहर...
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