SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 318

किसानों को ऋण माफी का लाभ सीधे दे सरकार

भारतीय रिजर्व बैंक की एक विशेष समिति ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण व्यवस्था मजबूत करने के लिए सीधे किसानों को ऋण माफी का लाभ और अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए।      आरबीआई की "आरबीआई कमिटी ओन कम्पट्वीहेंसिवफाईनेंशियल सर्विसेस फार स्माल बिजीनेसेज एंड लो इन्कम हाउसहोल्ड" (सीसीएफएस) की हाल  में जारी एक रिपोर्ट में यह सिफारिश करते हुए कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय मजबूती प्रदान करना...

More »

सशक्त राज्य में अशक्त स्त्री- विकास नारायण राय

जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन  अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...

More »

खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला  संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...

More »

देश में गरीबी और आंकड़ों का मकडज़ाल- अनंत विजय काला

उलटबांसी : सरकारी अनुमानों और आंकड़ों के विपरीत देश में गरीबों की वास्तविक संख्या सामने नहीं आती केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले गरीब लोगों की संख्या के आंकड़े जारी किए। इसमें एक अच्छी खबर दिखाई दी। सरकारी विचार-मंच योजना आयोग ने कहा कि पिछले वर्ष में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों की तादाद 269.3 मिलियन,आबादी का 21.9 फीसदी थी। निश्चित...

More »

यौन उत्पीड़न की जमीन- विकास नारायण राय

जनसत्ता 17 दिसंबर, 2013 :  यौनिक हिंसा के चर्चित प्रकरणों पर इन दिनों चल रही राजनीति के बीच हमें स्त्री उत्पीड़न की बुनियादों को नहीं भूलना चाहिए। लगता है जैसे सत्ता-केंद्रों की आपसी खींचतान कहीं असली मुद्दों को हड़प न ले! अन्यथा शीर्ष न्यायालय के जज, अति महत्त्वाकांक्षी राजनीतिक, चर्चित मीडिया संपादकऔर भक्तों-संपत्तियों के धर्मगुरु को लपेटे में लेने वाले ये शर्मनाक प्रकरण, स्त्री विरुद्ध हिंसा के व्यापक लैंगिक संदर्भों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close